विश्व में टोंक का नाम रोशन करने वाली शोध संस्थान मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी रिसर्च इंस्टिट्यूट में 7 से 9 नवम्बर' 2017 तक आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार संपन्न हुआ, समारोह के मुख्य अतिथि टोंक विधायक अजीत सिंह मेहता थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता मेजर अनवर शाह खान ने की !
इस सेमिनार का विषय था 'अरबी फ़ारसी और उर्दू में संस्कृत भाषा की धरोहर !', सेमिनार में विभिन्न राज्यों के लगभग 35 साहित्यकारों, विद्वानों और स्कालर्स ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये, जिनमें प्रमुख थे पटना यूनिवर्सिटी के फारसी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद आबिद हुसैन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमीरेटस, फारसी विभाग के अब्दुल कादर जाफरी साहब, कुरू क्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा की प्रोफेसर पुष्पा शर्मा, डॉ. अब्दुल कादिर जाफरी, इलाहबाद, प्रो. ईद मोहम्मद (पटना) प्रो. ताहिरा वहीद अब्बासी, भोपाल और प्रोफेसर मोहम्मद आबिद हुसैन (पटना) थे !
वहीँ दूसरे सेशन में कोटा राजस्थान से डॉ. हुस्न आरा (विभागाध्यक्ष - उर्दू, राजकीय महाविद्यालय, कोटा) ने 'संस्कृत ज़बान की विरासत भगवत गीता एक जायज़ा', पर शोध पत्र पढ़ा और भगवत गीता के उपदेशों की वर्तमान समय में अहमियत और उसके शांति के संदेशों पर रौशनी डाली, और गीता को क़ौमी एकता को फ़रोग़ देने में सहायक बताया, जिसकी काफी सराहना की गयी, तथा उदयपुर की डॉ. सरवत खान ने 'कालीदास का संस्कृत नाटक अभिज्ञान शकुन्तलम का उर्दू तरजुमा शकुन्तला अज सागर निजामी', पर शोध पत्र पढ़ा !
सेमीनार के तीसरे सेशन में डॉ. रामअवतार मीणा, डॉ. राशिद मियां, डॉ. अजीजुल्लाह शीरानी और मुख्तार टोंकी ने अपने शोध पत्र पढे !
चौथे और अंतिम सेशन में मोहम्मद उमर खान, प्रो. ताहिरा वहीद अब्बासी, कैफ, डॉ. नुसरत फातिमा, अनवारून्निसां नादेरा, मुफती मोहम्मद आदिल नदवी, डॉ. रउफ अहमद, प्रो. कमर गफ्फार, डॉ. सैयद अब्दुल मोहिमिन, मोलाना मोहम्मद असलम इसलाहुद्दीन, डॉ. सैयद बदर अहमद और डॉ. खुर्शीद जहां ने भी शोध पत्र पढे जो अरबी फारसी और अंग्रेजी भाषा में थे !
इस सेमिनार का विषय था 'अरबी फ़ारसी और उर्दू में संस्कृत भाषा की धरोहर !', सेमिनार में विभिन्न राज्यों के लगभग 35 साहित्यकारों, विद्वानों और स्कालर्स ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये, जिनमें प्रमुख थे पटना यूनिवर्सिटी के फारसी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद आबिद हुसैन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमीरेटस, फारसी विभाग के अब्दुल कादर जाफरी साहब, कुरू क्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा की प्रोफेसर पुष्पा शर्मा, डॉ. अब्दुल कादिर जाफरी, इलाहबाद, प्रो. ईद मोहम्मद (पटना) प्रो. ताहिरा वहीद अब्बासी, भोपाल और प्रोफेसर मोहम्मद आबिद हुसैन (पटना) थे !
वहीँ दूसरे सेशन में कोटा राजस्थान से डॉ. हुस्न आरा (विभागाध्यक्ष - उर्दू, राजकीय महाविद्यालय, कोटा) ने 'संस्कृत ज़बान की विरासत भगवत गीता एक जायज़ा', पर शोध पत्र पढ़ा और भगवत गीता के उपदेशों की वर्तमान समय में अहमियत और उसके शांति के संदेशों पर रौशनी डाली, और गीता को क़ौमी एकता को फ़रोग़ देने में सहायक बताया, जिसकी काफी सराहना की गयी, तथा उदयपुर की डॉ. सरवत खान ने 'कालीदास का संस्कृत नाटक अभिज्ञान शकुन्तलम का उर्दू तरजुमा शकुन्तला अज सागर निजामी', पर शोध पत्र पढ़ा !
सेमीनार के तीसरे सेशन में डॉ. रामअवतार मीणा, डॉ. राशिद मियां, डॉ. अजीजुल्लाह शीरानी और मुख्तार टोंकी ने अपने शोध पत्र पढे !
चौथे और अंतिम सेशन में मोहम्मद उमर खान, प्रो. ताहिरा वहीद अब्बासी, कैफ, डॉ. नुसरत फातिमा, अनवारून्निसां नादेरा, मुफती मोहम्मद आदिल नदवी, डॉ. रउफ अहमद, प्रो. कमर गफ्फार, डॉ. सैयद अब्दुल मोहिमिन, मोलाना मोहम्मद असलम इसलाहुद्दीन, डॉ. सैयद बदर अहमद और डॉ. खुर्शीद जहां ने भी शोध पत्र पढे जो अरबी फारसी और अंग्रेजी भाषा में थे !
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