कई बार और कई मौक़ों पर यह देखा गया है कि घर में किसी मर्द के न होने पर अचानक कुछ बुरा या अनहोनी हो जाने पर घर की औरतें..घर में स्कूटी, साइकल, या कार के होते हुए भी...पब्लिक ट्रासंपोर्ट यानी ऑटो वगैरह के लिए भागती हैं, इसके पीछे की वजह होती है जिन घरों में यह साधन हैं, उन्हें इनको चलाना नहीं आना !
आज स्कूटी, साइकल या बाइक हर घर में तक़रीबन नज़र आती है, ऐसे में अगर हम अपनी बेटियों को इन चीज़ों से दूर रखेंगे तो एक तरह से उनका बुरा ही कर रहे हैं, जब बेटे ड्राइविंग सीख सकते हैं, बाइक, स्कूटी या कार चलाने का अधिकार रखते हैं तो बेटियां क्यों नहीं ?
इसी लिए मेरा सभी बेटी वाले पिताओं से यही कहना है कि अपनी बेटियों को इन चीज़ों से महरूम नहीं रखें, बल्कि उन्हें बैंकों के काम काज, बिजली के बिल भरने से लेकर लाइसेंस बनवाने तक और पासपोर्ट बनवाने से लेकर इनकम टैक्स भरने तक, कंप्यूटर शिक्षा से लेकर रोज़गार परक शिक्षा दिलवाने तक...किसी भी मामले में पीछे नहीं रखें !
ताकि कल को खुद न खास्ता कभी बुरा वक़्त आये तो यह किसी की मोहताज न हों, किसी के सामने गिड़गिड़ाएं नहीं, बा-वक़ार तरीके से मुश्किलों का सामना करने खड़ी हो जाएँ ! यह हमारी ओर से बेटियों के लिए एक बेहतरीन तोहफा साबित होगा !
जब हमारे मुल्क की पहली डीज़ल इंजन ड्राइवर मुमताज़ क़ाज़ी ट्रैन चला सकती है, जब हमारे मुल्क की पहली मुस्लिम पायलट साराह हमीद हवाई जहाज़ उड़ा सकती है.....तो हमारी बेटियां क्यों पीछे रहें ? कभी वक़्त मिले तो शीबा असलम फहमी साहिबा का लिखा एक लेख भी ज़रूर पढ़ें जिसका शीर्षक है " झांसी की रानी मैके में ही तैयार होती हैं !"
एशिया की पहली डीज़ल इंजन ड्राइवर मुमताज़ क़ाज़ी के बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं :-
मुल्क की पहली मुस्लिम महिला पायलट साराह हमीद के बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं :-
बेहतरीन लेख
जवाब देंहटाएंwww.hindiustad.com
बेहतरीन लिखा है आप ने
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