शनिवार, 23 जनवरी 2016

देश की युवा पीढ़ी और भारत की विरासत !!

देश की राजनीति में सक्रीय भूमिका निभाने में युवाओं का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है, हर साल करोड़ों नए मतदाता पंजीकृत होते हैं, मगर ये युवा पीढ़ी जिसने आँख खुलते ही स्मार्ट फोन देखे, फेसबुक ट्वीटर देखे, राहुल गांधी, मोदी, केजरीवाल, अमित शाह देखे, सचिन देखे, पीढ़ी के भारत की आज़ादी के इतिहास से अनजान हैं !

इस पीढ़ी के अधिकांश लोग उस संघर्ष से अनजान है जिसके लिए शहीदों ने अपनी जान न्योछावर की ! इस पीढ़ी के लिए राष्ट्रवाद, सेकुलरिज्म, साम्प्रदायिकता की अलग अलग साईबर परिभाषाएं हैं !
इनके हीरो अलग हैं, इनकी प्रेरणाएँ अलग हैं !

फास्ट फ़ूड युग का यह युवा 15 अगस्त, 26 जनवरी पर झट से सोशल मीडिया में अपनी DP पर तिरंगा लहरा कर खुश हो जाता है, इससे आसान युक्ति भला और कहाँ हो सकती है !

यह गांधी, सुभाष, भगत सिंह के बारे में उतना नहीं जानते जितना कि मोदी, राहुल या केजरीवाल के बारे में जानते हैं ! यह पीढ़ी सचिन के बारे में जितना जानती है, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बारे में उतना नहीं जानती !

यह सनी लेओनी को भी उतना ही सर्च करती है जितना मोदी, राहुल या केजरीवाल को, इसे भले ही राष्ट्रगान पूरा नहीं आता हो, मगर हनी सिंह के रैप सॉन्ग पूरे याद हैं !

इन्हें मुंशी प्रेम चन्द के बारे में उतना नहीं पता जितना चेतन भगत के बारे में पता है, इन्हे हमीद के चिमटे की कहानी, बूढी काकी की कहानी नहीं मालूम मगर हाफ गर्ल फ्रेंड की पूरी कहानी पता होगी !

आज के राजनैतिक दल विशेषकर इस पीढ़ी को ही टारगेट कर अपनी चुनावी रणनीति तय करते हैं, कई बार फिल्म इंडस्ट्री इस पीढ़ी को ही नज़र में रख कर फ़िल्में बनाती है, और सुपर हिट करा लेती है !

यह पीढ़ी अगर ठान ले तो किसी भी आंदोलन को सफल बना सकती है, किसी भी राजनैतिक दल की विचारधारा को जिता सकती है, और धूल भी चटा सकती है !

यह पीढ़ी जब भारत की राजनीति की दिशा और दशा बदलने के लिए अपनी राजनैतिक समझ को काम में लेगी तो स्पष्ट है कि उसका क्या परिणाम होगा !

मगर एक बात इस पीढ़ी की जो बहुत ही सकारात्मक है, वो यह है कि इसी पीढ़ी के कन्धों पर भावी उज्जवल भारत के निर्माण की ज़िम्मेदारी भी है, जिसे यह पीढ़ी ईमानदारी से निभा रही है, ये पीढ़ी अपने सुनहरे भविष्य के लिए कठिन परिश्रम करती नज़र आती है !


इस पीढ़ी को देश की राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और धर्म निरपेक्ष विरासत से जोड़ने और परिचित कराने के लिए सभी राजनैतिक दलों, बुद्धि जीवियों को हर संभव कोशिश करनी चाहिए, कारण कि यही पीढ़ी देश के भावी नागरिक,भविष्य के नेता, उद्द्योग्पति, वैज्ञानिक, इंजीनियर्स, साहित्यकार होंगे, यदि यह भारत की विरासत को साथ लेकर आगे जायेंगे तो यह भावी भारत के निर्माण के लिए बहुत ही सकारात्मक बात होगी !!

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