शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

हम वाक़ई बिलकुल तुम जैसे निकले !!


तीन दिन पहले पाकिस्तान में आठ साल की मासूम बच्ची जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई थी, कल ही ग्रेटर नोयडा में एक कांस्टेबल ने सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया, बच्ची की दर्दभरी चीखें सुन कर लोग मौके पर पहुंचे तो पुलिसवाला आपत्तिजनक स्थिति में था, इस पर भीड़ ने पहले तो उसकी धुनाई की फिर पुलिस को बुलाया जिसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पुलिसवाले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है !


कभी पाकिस्तानी शायरा फहमीदा रियाज़ ने बेचैन होकर एक नज़्म लिखी थी :-
"तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छिपे थे भाई ?

कई मामलों में हम पाकिस्तान से भी गए गुज़रे हैं, उदाहरण के तौर पर :-

1. हंगर इंडेस्क्स में हम पाकिस्तान से पिछड़े हुए हैं !
https://scroll.in/latest/853852/india-worse-than-bangladesh-nepal-in-tackling-hunger-situation-serious-says-report

2. हैप्पीनेस इंडेक्स में हम पाकिस्तान से कम हैप्पी हैं, उससे पिछड़े हुए हैं !
http://www.businesstoday.in/current/world/india-ranks-behind-pakistan-bangladesh-in-happiness-index/story/248427.html

3. भ्रष्टाचार के मामले में हम पाकिस्तान के गुरु हैं, एशिया में सबसे भ्रष्ट देश का ताज भारत के ही सर पर है !
http://www.tribuneindia.com/news/nation/india-is-most-corrupt-country-in-asia-forbes/460652.html

4. प्रेस फ्रीडम का गला घोंटने में के मामले में हम पाकिस्तान के उस्ताद हैं !
https://www.thenews.com.pk/print/201029-Pakistan-up-India-down-in-World-Press-Freedom-Index

इसी लिए फहमीदा रियाज़ की ये नज़्म याद आयी है, उनकी ये नज़्म कई बार सही साबित हुई थी, हुई है, और शायद आगे भी होती रहेगी !

पढ़िए पूरी नज़्म :-

तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छिपे थे भाई

वो मूरखता, वो घामड़पन
जिसमें हमने सदी गँवाई

आखिर पहुँची द्वार तुम्‍हारे
अरे बधाई, बहुत बधाई।

प्रेत धर्म का नाच रहा है
कायम हिंदू राज करोगे ?

सारे उल्‍टे काज करोगे !
अपना चमन ताराज़ करोगे !

तुम भी बैठे करोगे सोचा
पूरी है वैसी तैयारी

कौन है हिंदू, कौन नहीं है
तुम भी करोगे फ़तवे जारी

होगा कठिन वहाँ भी जीना
दाँतों आ जाएगा पसीना

जैसी तैसी कटा करेगी
वहाँ भी सब की साँस घुटेगी

माथे पर सिंदूर की रेखा
कुछ भी नहीं पड़ोस से सीखा!

क्‍या हमने दुर्दशा बनायी
कुछ भी तुमको नजर न आयी?

कल दुख से सोचा करती थी
सोच के बहुत हँसी आज आयी

तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
हम दो कौम नहीं थे भाई।

मश्‍क करो तुम, आ जाएगा
उल्‍टे पाँव चलते जाना

ध्‍यान न मन में दूजा आए
बस पीछे ही नजर जमाना

भाड़ में जाए शिक्षा-विक्षा
अब जाहिलपन के गुन गाना।

आगे गड्ढा है यह मत देखो
लाओ वापस, गया जमाना

एक जाप सा करते जाओ
बारंबार यही दोहराओ

'कैसा वीर महान था भारत
कैसा आलीशान था-भारत'

फिर तुम लोग पहुँच जाओगे
बस परलोक पहुँच जाओगे

हम तो हैं पहले से वहाँ पर
तुम भी समय निकालते रहना

अब जिस नरक में जाओ वहाँ से
चिट्ठी-विठ्ठी डालते रहना !!

हम वाक़ई बिलकुल तुम जैसे निकले !!

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