रविवार, 7 जून 2015

आज याद आ गयीं वो अकेली योद्धा सुनीता नारायण ~~!!

कितनी हैरानी की बात है कि आज मैगी नूडल पर लेड की मात्र अधिक होने के कारण हंगामा मचा हुआ है, और उधर पेप्सिको की सी.ई.ओ. इंदिरा नुई को पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया है, यह वही पेप्सी है जिसके लिए कभी सुनीता नारायण ने (जो कि भारत की प्रसिद्ध पर्यावरणविद है और जिन्हे कि 2005 को पद्धश्री से भी अलंकृत किया गया था) एक अरसा पहले पेप्सी और कोक जैसे साफ्ट ड्रिंक में खतरनाक रसायनों की उपस्थिति की बात कहकर पूरे देश में तूफान पैदा कर दिया था !

उस मुद्दे की तपिश से संसद भी गरमा गई थी ! सुनीता नारायणन ने साबित किया था कि शीतल पेयों में कीटनाशकों की भारी मात्रा मौजूद है और ये मात्रा पहले की तुलना में अधिक है ! उन्होंने शीतल पेयों के 11 ब्रांडों के 57 नमूनों को चेक किया था, और उनमें से सभी में तीन से छह कीटनाशक मिले थे !

यह मामला इतना गरमा गया था कि सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था......सुनीता नारायण यह चाहती थीं कि इसके लिए कोई मानक बने.....मगर यह मामला इन बहु राष्ट्रिय कंपनियों के भारी दबाव और सराकर के उदासीन रवैये के चलते ठन्डे बस्ते में चला गया !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें