" अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ...यह एक ऐसा शब्द है...जो सभी को तब तक मनभावन लगता है....जब तक उसकी भावनाएं तृप्त हो रही हों....या वो सहमत हो...इसको परिभाषित करने के लिए वैसे तो शब्दों का जाल है...मगर कभी कभी यह....परिभाषा की परिधि से बाहर भी निकल जाता है...हमारे देश में इस के समर्थन और विरोध/दमन पर हालिया वर्षों में काफी नूरा कुश्ती हुई है....जैसे कि :--
1 . 30सितंबर 2005 में डेनमार्क के एक समाचार पत्र में एक कार्टूनिस्ट द्वारा इस्लाम धर्म के पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब के आपत्तिजनक कार्टून प्रकाशित किया जाना ... " अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "...? कई मुस्लिम देशों सहित भारत में विरोध...." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
2 . सलमान रश्दी द्वारा सेटेनिक वर्सेस उपन्यास लिखना.." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ? .और उसके बाद राजस्थान में लिटरेचर फेस्टिवल में आने पर रोक ... " अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
3 . स्व: एम्.ऍफ़. हुसैन की विवादित पेंटिंग्स ..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ...? देश में विरोध....." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
4 . रुचिका मर्डर केस के आरोपी पुलिस अधिकारी...राठौर का प्रेस को बयान..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ... उत्सव नामक युवक का हमला...." " अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी....?
5 . अन्ना टीम के सदस्य प्रशांत भूषन का कश्मीर पर बयान ....." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ". ...?
6 . प्रशांत भूषण की पिटाई....." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ". ...या ..... " अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी....?
7 . तसलीमा नसरीन की विवादित पुस्तक.... "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "..? .बंगला देश से देश निकाला..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
8 . गुजरात दंगों पर फिल्म परज़ानिया.....का बनना...."अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "..? ....गुजरात में इस फिल्म पर रोक...." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
9 . जनता पार्टी के नेता सुब्रमणियम स्वामी द्वारा पिछले दिनों एक लेख लिखा गया जिसमें उन्होंने भारतीय मुसलमानों को मतदान से वंचित किए जाने जैसा अपना ‘बेशकीमती’ मत पूरी स्वतंत्रता से अभिव्यक्त किया..."अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ?.....हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने स्वामी के उन विचारों को विश्वविद्यालय के स्तर व नीतियों के विरुद्ध मानते हुए उन्हें विश्वविद्यालय के visiting प्रोफेसर के पद से हटा दिया...भारत में भी केस दायर हुआ.." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
10 . अरविंद केजरीवाल ने कल कहा था कि संसद में चोर, लुटेरे और बलात्कारी बैठे हैं...."अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ".? विशेषाधिकार हनन नोटिस की धमकी... ...." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
11 . शरद पंवार पर पड़े थप्पड़ पर अन्ना की प्रतिक्रिया....एक ही मारा....अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ?
12 . फिल्म गली गली चोर है के बाद अन्ना का " चमाट मारो."..वाला बयान..."अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " प्रेस में उछल जाने के बाद पलट जाना..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
13 . किरन बेदी...और अभिनेता ओमपुरी द्वारा रामलीला मैदान में नेताओं पर छींटा कशी ..."अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " ....बाद में अवमानना का नोटिस...." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता " पर पाबन्दी...?
14 . मुंबई में ठाकरे परिवार द्वारा उत्तर भारतीयों के खिलाफ विष वमन..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "?
15 . पूनम पांडे का भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ट्वीटर पर बार बार कपडे उतारने की जिद करना...व इन्टरनेट पर अश्लील फोटो डालना... ..." अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता "?
16. सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाले और देश विरोधी कन्टेन्ट डालना.....अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ? सरकार द्वारा इन सोशल नेटवर्किंग साइट्स के खिलाफ कार्रवाही ....अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबन्दी ??
और भी कई ऐसे समर्थन और विरोध के उदाहरण हमारे देश में मिल जायेंगे...हो सकता है काफी उदाहरण छूट गए हों, कुछ इस समय याद भी नहीं आ रहे....परन्तु हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खुल्ला खेल बखूबी खेला जा रहा है...दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है..और इस स्वतंत्रता को नापने का का हर देश, धर्म, आदमी, पार्टी, संगठन ..का अपना अलग पैमाना है, अलग थर्मा मीटर है, खुद के ही मापक यंत्र है, खुद ही मापते हैं...और उचित अनुचित की घोषणा कर डालते हैं.. और ठीक वैसा ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का मन्त्र भी हर देश, धर्म, आदमी, पार्टी, संगठन के पास मोजूद है.....यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अपने मायने अपने अपने अर्थ हैं....और अपने अपने अनर्थ भी हैं...कोई एकमत नहीं है...सीमा निर्धारण अपने अपने नफा नुकसान से तय किये जाते रहे हैं... अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा की दशकों से चली आ रही उहापोह के मध्य आज तक यह निर्धारित नहीं किया जा सका है कि आखिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाएं क्या हों ? और इन सीमाओं का निर्धारण ऐसे किन लोगों के द्वारा किया जाए जो कि देश, दुनिया व समाज के सभी वर्गों के लोगों द्वारा स्वीकार्य हों..!!
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