कल हमारे शहर में जोर जोर से जोशीले नारे लगाते कुछ
भक्त टाइप भीड़ पर नज़र पड़ी...वो इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे...और
कुछ नेता टाइप लोग इनको टेम्पू में ठूंस रहे थे....ठूंसे जाने के दौरान भी
नारे बदस्तूर जारी थे....कौतूहल वश मैंने एक भक्त को ठूंसे जाने से पहले ही
लपक लिया...एक तरफ ले जाकर पहले तो उसका नारा बाहर आने से रोका...फिर पूछा
भाई माजरा क्या है.....? यह कौनसा इन्कलाब है...जो जिंदा होने जा रहा है ?
वो बोला आपको पता नहीं....हम अगस्त क्रान्ति में दिल्ली जा रहे हैं.....?
मैंने कहा अगस्त क्रान्ति में तो मैं भी कई बार जा चुका हूँ....मगर इसमें
नारे लगाने वाली क्या बात है....? वो भक्त बोला....क्या इससे पहले भी अगस्त
क्रान्ति हुई थी.....? अब चौंकने की बारी मेरी थी ...मैंने कहा ...हुई थी
.....से क्या मतलब.....?
वो भक्त बोला.....9 अगस्त को रामलीला मैदान में अगस्त क्रान्ति होने वाली है...हम उसमें जा रहे हैं....आप किस अगस्त क्रांति की बात कर रहे हैं.....? मैंने कहा...अरे भाई....वही ट्रेन....जिसका नंबर 12953 है....अगस्त क्रान्ति...जो मुंबई से चलकर हज़रात निजामुद्दीन तक जाती है.....हमारे शहर कोटा में रोज़ सवेरे 5 :15 बजे आकर रूकती है...और 5 : 25 बजे निजामुद्दीन के लिए रवाना हो जाती है, उस अगस्त क्रांति में तो मैं ही नहीं लगभग सारे शहर के बहुत से लोग जा चुके हैं...!
सुनकर उस भक्त ने मुझे तुच्छ नज़रों से देखा....और कहा....हम 9 अगस्त को इन्कलाब लाकर ही रहेंगे...क्रान्ति होकर रहेगी.....मैंने कहा भाई....एक जनलोकपाल क्रान्ति ने तो 2 अगस्त को जंतर मंतर पर शर्मनाक ढंग से दम तोड़ दिया....धूमधाम से उस क्रान्ति की शवयात्रा भी निकली थी...वहां भी आप जैसे हज़ारों भक्तों का जमावड़ा था क्या आपको पता नहीं....? वो भक्त बोला ...साहब ...लोग बातें तो कर रहे थे...कि जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है....जूस पीकर धोखा दिया है...खुद ही नेता बनने चले गए हैं ! फिर वो बोला ...मगर हमारी अगस्त क्रान्ति...बहुत ज़ोरदार है.....मैंने कहा कैसे...? वो बोला....बाबा गुरु ने कहा है....कि देश का खरबों रुपयों का काला धन ...विदेशी बेंकों में जमा है....वो उसको मंगवाएंगे....और सारा पैसा..जनता में बटवाने की योजना है...उन्होंने कहा है कि देश का हर गरीब...लखपति हो जाएगा.....गेस सिलेंडर 200 रूपये का हो जाएगा, पेट्रोल 35 रूपये लीटर हो जायेगा, डालें 10 रूपये किलो हो जाएँगी...बिजली 1 रूपये यूनिट हो जाएगी और तो और सारा विदेशी कर्जा भी चुक जाएगा....और देश मालामाल हो जाएगा....साहब.... बाबा गुरु ने इसी लिए बुलाया है....हम भी लखपति हो जायेगे...सारी गरीबी दूर हो जाएगी ! फिर उसने एक ज़ोरदार नारा लगाया....इन्कलाब जिंदाबाद !! और टेम्पू में जा बैठा.....! अब मुझे उसकी बातें सुनकर हैरानी के बजाय अफ़सोस होने लगा था, उसके सीधेपन पर तरस आने लगा था...वो क्या जाने...काला - सफ़ेद धन,..... मगर सपनों के दोहन की परंपरा का शिकार तो हो ही गया...!
अब मैं उसको कैसे बताता कि ट्रेन नंबर 12953 है....अगस्त क्रान्ति ..के चालक और परिचालक दोनों ही योग्य, अनुभवी, कुशल, शैक्षिक और शारीरिक परीक्षा पास किये हुए तथा चालक का प्रमाण पत्र लिए हुए हैं...यह रोज़ ईमानदारी से निष्ठां से अगस्त क्रांति का सञ्चालन करते हैं, अपने सभी यात्रियों को सकुशल उनके लक्ष्य तक पहुंचाते हैं....यह लोग कभी चलती अगस्त क्रांति ट्रेन से कूद कर नहीं भागे...और यह भक्त जिस अगस्त क्रान्ति में जा रहा है....उस का परिचालक तो पहले ही प्रमाण पत्र के चक्कर में सरकारी मेहमान बना हुआ है....और चालक महोदय की शैक्षणिक, शारीरिक, योग्यता....अगस्त क्रान्ति के लिए...अनुभव, कौशल है भी या नहीं.....और चालक का प्रमाणपत्र है भी...या नहीं....यदि है...तो कहीं परिचालक जैसा तो नहीं..... क्योंकि यह क्रांति चालक महोदय पहले भी एक ऐसी ही यात्रियों से ठसाठस भरी क्रांति ट्रेन को रेड लाईट दिखाते ही चलते में उतर लिए थे...जिसके कारण एक निर्दोष यात्री की बाद में दुखद मृत्यु हो गयी थी.....खैर.....यदि यह बात उस भक्त को बताएं भी तो शायद वो विश्वास नहीं करेगा.....!
मैं हैरान उस बेचारे भक्त/समर्थक को देखता रहा और सोचता रहा....कि ऐसे लोग ....कब तक किस किस के औज़ार बनते रहेंगे....यह बेचारे किसी की दिखाई हुई एक मृगतृष्णा, दिखाए सपनो के पीछे अनवरत भागे जा रहे हैं.....और इनकी दुखती रगों पर हाथ रखकर ...इनके समर्थन का अपने हित में निवेश करने वाले....अपना मकसद पूरा कर निकल लेते हैं....और ऐसे भक्त/समर्थक .....फिर से चौराहे पर आ खड़े होते हैं.....फिर से किसी मसीहा की महत्वकांक्षा का औज़ार बनने....! यदि टीम अन्ना की तरह इस बार यह अगस्त क्रांति भी पटरी से उतर गयी...तो शायद देश की जनता इन मसीहाओं को कभी माफ़ नहीं करेगी....इन्कलाब जिंदाबाद के नारों से नफरत करने लगेगी...फिर भविष्य में किसी भी अन्ना या बाबा की पुकार पर कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकलेगा......!! अगस्त क्रांति सकुशल ...अपने गंतव्य, अपने लक्ष्य तक पहुंचे...इसी शुभकामनाओं के साथ.....!!
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वो भक्त बोला.....9 अगस्त को रामलीला मैदान में अगस्त क्रान्ति होने वाली है...हम उसमें जा रहे हैं....आप किस अगस्त क्रांति की बात कर रहे हैं.....? मैंने कहा...अरे भाई....वही ट्रेन....जिसका नंबर 12953 है....अगस्त क्रान्ति...जो मुंबई से चलकर हज़रात निजामुद्दीन तक जाती है.....हमारे शहर कोटा में रोज़ सवेरे 5 :15 बजे आकर रूकती है...और 5 : 25 बजे निजामुद्दीन के लिए रवाना हो जाती है, उस अगस्त क्रांति में तो मैं ही नहीं लगभग सारे शहर के बहुत से लोग जा चुके हैं...!
सुनकर उस भक्त ने मुझे तुच्छ नज़रों से देखा....और कहा....हम 9 अगस्त को इन्कलाब लाकर ही रहेंगे...क्रान्ति होकर रहेगी.....मैंने कहा भाई....एक जनलोकपाल क्रान्ति ने तो 2 अगस्त को जंतर मंतर पर शर्मनाक ढंग से दम तोड़ दिया....धूमधाम से उस क्रान्ति की शवयात्रा भी निकली थी...वहां भी आप जैसे हज़ारों भक्तों का जमावड़ा था क्या आपको पता नहीं....? वो भक्त बोला ...साहब ...लोग बातें तो कर रहे थे...कि जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है....जूस पीकर धोखा दिया है...खुद ही नेता बनने चले गए हैं ! फिर वो बोला ...मगर हमारी अगस्त क्रान्ति...बहुत ज़ोरदार है.....मैंने कहा कैसे...? वो बोला....बाबा गुरु ने कहा है....कि देश का खरबों रुपयों का काला धन ...विदेशी बेंकों में जमा है....वो उसको मंगवाएंगे....और सारा पैसा..जनता में बटवाने की योजना है...उन्होंने कहा है कि देश का हर गरीब...लखपति हो जाएगा.....गेस सिलेंडर 200 रूपये का हो जाएगा, पेट्रोल 35 रूपये लीटर हो जायेगा, डालें 10 रूपये किलो हो जाएँगी...बिजली 1 रूपये यूनिट हो जाएगी और तो और सारा विदेशी कर्जा भी चुक जाएगा....और देश मालामाल हो जाएगा....साहब.... बाबा गुरु ने इसी लिए बुलाया है....हम भी लखपति हो जायेगे...सारी गरीबी दूर हो जाएगी ! फिर उसने एक ज़ोरदार नारा लगाया....इन्कलाब जिंदाबाद !! और टेम्पू में जा बैठा.....! अब मुझे उसकी बातें सुनकर हैरानी के बजाय अफ़सोस होने लगा था, उसके सीधेपन पर तरस आने लगा था...वो क्या जाने...काला - सफ़ेद धन,..... मगर सपनों के दोहन की परंपरा का शिकार तो हो ही गया...!
अब मैं उसको कैसे बताता कि ट्रेन नंबर 12953 है....अगस्त क्रान्ति ..के चालक और परिचालक दोनों ही योग्य, अनुभवी, कुशल, शैक्षिक और शारीरिक परीक्षा पास किये हुए तथा चालक का प्रमाण पत्र लिए हुए हैं...यह रोज़ ईमानदारी से निष्ठां से अगस्त क्रांति का सञ्चालन करते हैं, अपने सभी यात्रियों को सकुशल उनके लक्ष्य तक पहुंचाते हैं....यह लोग कभी चलती अगस्त क्रांति ट्रेन से कूद कर नहीं भागे...और यह भक्त जिस अगस्त क्रान्ति में जा रहा है....उस का परिचालक तो पहले ही प्रमाण पत्र के चक्कर में सरकारी मेहमान बना हुआ है....और चालक महोदय की शैक्षणिक, शारीरिक, योग्यता....अगस्त क्रान्ति के लिए...अनुभव, कौशल है भी या नहीं.....और चालक का प्रमाणपत्र है भी...या नहीं....यदि है...तो कहीं परिचालक जैसा तो नहीं..... क्योंकि यह क्रांति चालक महोदय पहले भी एक ऐसी ही यात्रियों से ठसाठस भरी क्रांति ट्रेन को रेड लाईट दिखाते ही चलते में उतर लिए थे...जिसके कारण एक निर्दोष यात्री की बाद में दुखद मृत्यु हो गयी थी.....खैर.....यदि यह बात उस भक्त को बताएं भी तो शायद वो विश्वास नहीं करेगा.....!
मैं हैरान उस बेचारे भक्त/समर्थक को देखता रहा और सोचता रहा....कि ऐसे लोग ....कब तक किस किस के औज़ार बनते रहेंगे....यह बेचारे किसी की दिखाई हुई एक मृगतृष्णा, दिखाए सपनो के पीछे अनवरत भागे जा रहे हैं.....और इनकी दुखती रगों पर हाथ रखकर ...इनके समर्थन का अपने हित में निवेश करने वाले....अपना मकसद पूरा कर निकल लेते हैं....और ऐसे भक्त/समर्थक .....फिर से चौराहे पर आ खड़े होते हैं.....फिर से किसी मसीहा की महत्वकांक्षा का औज़ार बनने....! यदि टीम अन्ना की तरह इस बार यह अगस्त क्रांति भी पटरी से उतर गयी...तो शायद देश की जनता इन मसीहाओं को कभी माफ़ नहीं करेगी....इन्कलाब जिंदाबाद के नारों से नफरत करने लगेगी...फिर भविष्य में किसी भी अन्ना या बाबा की पुकार पर कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकलेगा......!! अगस्त क्रांति सकुशल ...अपने गंतव्य, अपने लक्ष्य तक पहुंचे...इसी शुभकामनाओं के साथ.....!!
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