हमारे बुज़ुर्ग तो कहते थे की " बद अच्छा ...और बदनाम बुरा " ...मगर इस नए दौर में एक अजीब ही उल्टा चलन चल निकला है....बदनाम हो जाओ, मशहूर हो जाओ, या यूं कह सकते हैं..."विवादों में रहो...ख़बरों में रहो ".....मीडिया आपके दरवाज़े बैठी रहेगी...! इस अजीब चलन के लिए हम अगर पीछे देखें तो सलमान रश्दी ने कुरान शरीफ के बारे में विवादित बयान दिया ...और मीडिया ने उसको रातों रात स्टार बना दिए, रश्दी की इसी पालिसी को अपनाते हुए तसलीमा नसरीन ने भी कुछ विवादित बयान दिए और वो भी रातों रात International Level पर एक हस्ती बन गयीं, दोनों को विश्व के कई देशों ने अपनी नागरिकता देने की होड़ लग गयी..!
इसके बाद तो जैसे लोगों ने इसको एक मशहूर होने का नुस्खा ही बना लिए...अपने देश में ऐसे सैंकड़ों उदाहरण मिल जायेंगे....राखी सावंत, से लेकर बाबी डार्लिंग, और कपडे उतारने पर तुली पूनम पांडे तक., क्रिकेट में ललित मोदी, ..और राज ठाकरे से लेकर थरूर, दिग्विजय सिंह, सुबोध कान सहाय, लालू यादव, मायावती, बाबा रामदेव, नरेन्द्र मोदी, शाही इमाम, वरुण गाँधी, तक......राज ठाकरे अपनी भड़काऊ भाषण से विवादों में आकर आज राज कर रहे हैं, दिग्विजय से लेकर लालू, मायावती, तक काफी लम्बी लिस्ट है...रामदेव हमेशा सुर्खियाँ बटोरते हैं...मोदी भी विवादों में रहकर खुश होते हैं, और उसको केश करने का हुनर भी जानते हैं, ...दिग्विजय सिंह अपने उल जलूल बयानों से हमेशा अखबारों में और मीडिया में छाये रहते हैं...!
एक प्रोफेस्सर हुए थे नाम था बटुक नाथ...जिन्होंने अपनी पत्नी के होते...अपनी Student से सम्बन्ध और बाद में शादी भी की...उन को भी बदनाम या विवादित हो कर ही प्रसिद्धि मिली थी, मीडिया ने उनको बड़ा ही मशहूर कर दिया था, हर चेनल पर 15 दिन तक उनके बारे में ही समाचार आते रहते थे ..! ऐसे हज़ारों उदाहरण अपने देश में मिल जायेंगे..की लोग विवादों में रहकर प्रसिद्धि का शोर्ट कट बना रहे हैं...और इसमें सब से बड़ा अहम् रोल अगर हम देखें तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया का सब से ज्यादा है....जिसका की कोई मानक नहीं, कोई सीमा नहीं, कोई नियम कायदा नहीं...अगर मीडिया चाहे तो एक झुग्गी में रहने वाले फटे हाल आदमी को रातों रात स्टार बना डाले...काफी समय पहले प्रिंस नाम का एक बच्चा खुले हुए बोरिंग होल में गिर गया था....मीडिया ने उसको इतना कवरेज दिया था की लोगों ने पूरी रात जाग कर live दुआएं और प्रार्थनाएं की थी....इसी लिए हम यह भी कह सकते हैं की इस विवादित शोर्ट कट के लिए मीडिया बड़ा ही अहम् रोल अदा कर रहा है...जिस पर की अब थोड़ी सरकारी लगाम या नियमावली ज़रूरी हो गयी है...!!
ज़रा सोचिये दोस्तों~~~~~!
इसके बाद तो जैसे लोगों ने इसको एक मशहूर होने का नुस्खा ही बना लिए...अपने देश में ऐसे सैंकड़ों उदाहरण मिल जायेंगे....राखी सावंत, से लेकर बाबी डार्लिंग, और कपडे उतारने पर तुली पूनम पांडे तक., क्रिकेट में ललित मोदी, ..और राज ठाकरे से लेकर थरूर, दिग्विजय सिंह, सुबोध कान सहाय, लालू यादव, मायावती, बाबा रामदेव, नरेन्द्र मोदी, शाही इमाम, वरुण गाँधी, तक......राज ठाकरे अपनी भड़काऊ भाषण से विवादों में आकर आज राज कर रहे हैं, दिग्विजय से लेकर लालू, मायावती, तक काफी लम्बी लिस्ट है...रामदेव हमेशा सुर्खियाँ बटोरते हैं...मोदी भी विवादों में रहकर खुश होते हैं, और उसको केश करने का हुनर भी जानते हैं, ...दिग्विजय सिंह अपने उल जलूल बयानों से हमेशा अखबारों में और मीडिया में छाये रहते हैं...!
एक प्रोफेस्सर हुए थे नाम था बटुक नाथ...जिन्होंने अपनी पत्नी के होते...अपनी Student से सम्बन्ध और बाद में शादी भी की...उन को भी बदनाम या विवादित हो कर ही प्रसिद्धि मिली थी, मीडिया ने उनको बड़ा ही मशहूर कर दिया था, हर चेनल पर 15 दिन तक उनके बारे में ही समाचार आते रहते थे ..! ऐसे हज़ारों उदाहरण अपने देश में मिल जायेंगे..की लोग विवादों में रहकर प्रसिद्धि का शोर्ट कट बना रहे हैं...और इसमें सब से बड़ा अहम् रोल अगर हम देखें तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया का सब से ज्यादा है....जिसका की कोई मानक नहीं, कोई सीमा नहीं, कोई नियम कायदा नहीं...अगर मीडिया चाहे तो एक झुग्गी में रहने वाले फटे हाल आदमी को रातों रात स्टार बना डाले...काफी समय पहले प्रिंस नाम का एक बच्चा खुले हुए बोरिंग होल में गिर गया था....मीडिया ने उसको इतना कवरेज दिया था की लोगों ने पूरी रात जाग कर live दुआएं और प्रार्थनाएं की थी....इसी लिए हम यह भी कह सकते हैं की इस विवादित शोर्ट कट के लिए मीडिया बड़ा ही अहम् रोल अदा कर रहा है...जिस पर की अब थोड़ी सरकारी लगाम या नियमावली ज़रूरी हो गयी है...!!
ज़रा सोचिये दोस्तों~~~~~!
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