एक सर्वे में कहा गया था कि फेसबुक यूज़र ज्यादातर खुद की तारीफ़ करने और कराने के शोकीन होते हैं, self glorification की भावना से हर पोस्ट की जाती है, देखा जाए तो हर यूज़र यही कोशिश करता नज़र आता है की उसकी पोस्ट की उसके लेख की उसके विडियो, या फोटो की तारीफ हो, और ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स आयें, और ज्यादातर यूज़र के प्रोफाइल भी इन बातों से अछूते नज़र नहीं आते, हर प्रोफाइल में सुन्दर से सुन्दर प्रोफाइल फोटो लगे मिलेंगे, सुन्दर से सुन्दर उदगार और quotes मिलेंगे, हर वो चीज़ नज़र आएगी जो की तारीफ़ के काबिल हो !
status update के ज़्यादातर मामलों में भी यही बात देखी जा सकती है, लोगो शेक्सपीयर से कम तो किसी के quotation शेयर ही नहीं करना चाहते, चाहे वो कही से भी कॉपी करके लायें पर होंगे ..तारीफ़ के काबिल, हर पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स के लिए भरसक कोशिशें होती नज़र आती हैं, एक पोस्ट पर अगर किसी जगह कमेंट्स नहीं आते तो उस को दस बारह जगह और पोस्ट किया जाता है, जब तक की मन माफिक कमेन्ट नहीं मिल जाते, और यदि किसी ने भूल कर भी negative कमेन्ट कर दिया, या कोई कमी निकाल दी तो वो तो गया काम से, उसका एक ही इलाज होता है, कट्टी कर देना, या block कर देना., हर यूज़र अपनी पोस्ट पर होने वाले कमेंट्स के लिए हमेशा उतावला रहता है, बार बार notifications को चेक करता है ! लोग आउट होने के बाद भी अपनी पोस्ट पर आने वाले कमेंट्स की चिंता रहती है, सर्वे में यह भी कहा गया है की ऐसे लोगों की रियल लाइफ पर virtual life हावी होने लगती है, और असल ज़िन्दगी पर बुरा असर भी होना शुरू हो जाता है..!
कल की एक बात याद आ गयी, मेरा एक मित्र है, मोबाइल पर हमेशा अन्ना हजारे के समर्थन में मुझे महीनो से मेसेज भेजता है, एक दिन उसके शो रूम की तरफ जाने का मौक़ा मिला, वो बड़े ही आराम से कुर्सी बैठा था, सलाम नमस्ते के बाद मैंने कहा की भाई मैं भी अन्ना का समर्थन करता हूँ , और अन्ना के बारे में काफी कुछ फेसबुक पर लिखा भी है, क्या तुम्हारा फेसबुक पर अकाउंट है....उसने कहा नहीं ...मेरा कोई अकाउंट नहीं है, और अभी कोई ऐसा इरादा भी नहीं नहीं, और यह कह कर उसने मोबाइल पर आये मेसेज को पढ़कर मुस्कुरा कर अपना मोबाइल एक तरफ रख दिया, और सुकून से टी.वी. देखने लगा, मुझे उस फेसबुक प्रोफाइल विहीन इस प्रसन्न और बेफिक्र मित्र से बड़ी ही जलन हुई, मैं ने सोचा की यह बिना फेसबुक प्रोफाइल के कितना सुखी, मस्त, और बेफिक्र है, मैं तैश में घर की और चल दिया..की आज फेसबुक का यह टेंशन वाला खेल ही ख़त्म कर देता हूँ, मगर लोग ओन करते ही, मेरे सामने फिर वही virtual life सामने आ गयी, सब दोस्त, परिवार, notifications , poke , और like और कमेंट्स की भरमार....और सब कुछ भूल कर notifications और कमेंट्स के जवाब लिखने के लिए key board पर उंगलियाँ तेज़ी से चलने लगी..की देख तो लूं मेरी पोस्ट पर कितनों ने Like किया है और कितने कमेंट्स आये हैं, ..!!
और आखिर में~~~~~दोस्तों कहीं आप यह मत समझ लेना की यह नोट भी मैंने ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स पाने के लिए लिखा है......हा हा हा..... :))
status update के ज़्यादातर मामलों में भी यही बात देखी जा सकती है, लोगो शेक्सपीयर से कम तो किसी के quotation शेयर ही नहीं करना चाहते, चाहे वो कही से भी कॉपी करके लायें पर होंगे ..तारीफ़ के काबिल, हर पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स के लिए भरसक कोशिशें होती नज़र आती हैं, एक पोस्ट पर अगर किसी जगह कमेंट्स नहीं आते तो उस को दस बारह जगह और पोस्ट किया जाता है, जब तक की मन माफिक कमेन्ट नहीं मिल जाते, और यदि किसी ने भूल कर भी negative कमेन्ट कर दिया, या कोई कमी निकाल दी तो वो तो गया काम से, उसका एक ही इलाज होता है, कट्टी कर देना, या block कर देना., हर यूज़र अपनी पोस्ट पर होने वाले कमेंट्स के लिए हमेशा उतावला रहता है, बार बार notifications को चेक करता है ! लोग आउट होने के बाद भी अपनी पोस्ट पर आने वाले कमेंट्स की चिंता रहती है, सर्वे में यह भी कहा गया है की ऐसे लोगों की रियल लाइफ पर virtual life हावी होने लगती है, और असल ज़िन्दगी पर बुरा असर भी होना शुरू हो जाता है..!
कल की एक बात याद आ गयी, मेरा एक मित्र है, मोबाइल पर हमेशा अन्ना हजारे के समर्थन में मुझे महीनो से मेसेज भेजता है, एक दिन उसके शो रूम की तरफ जाने का मौक़ा मिला, वो बड़े ही आराम से कुर्सी बैठा था, सलाम नमस्ते के बाद मैंने कहा की भाई मैं भी अन्ना का समर्थन करता हूँ , और अन्ना के बारे में काफी कुछ फेसबुक पर लिखा भी है, क्या तुम्हारा फेसबुक पर अकाउंट है....उसने कहा नहीं ...मेरा कोई अकाउंट नहीं है, और अभी कोई ऐसा इरादा भी नहीं नहीं, और यह कह कर उसने मोबाइल पर आये मेसेज को पढ़कर मुस्कुरा कर अपना मोबाइल एक तरफ रख दिया, और सुकून से टी.वी. देखने लगा, मुझे उस फेसबुक प्रोफाइल विहीन इस प्रसन्न और बेफिक्र मित्र से बड़ी ही जलन हुई, मैं ने सोचा की यह बिना फेसबुक प्रोफाइल के कितना सुखी, मस्त, और बेफिक्र है, मैं तैश में घर की और चल दिया..की आज फेसबुक का यह टेंशन वाला खेल ही ख़त्म कर देता हूँ, मगर लोग ओन करते ही, मेरे सामने फिर वही virtual life सामने आ गयी, सब दोस्त, परिवार, notifications , poke , और like और कमेंट्स की भरमार....और सब कुछ भूल कर notifications और कमेंट्स के जवाब लिखने के लिए key board पर उंगलियाँ तेज़ी से चलने लगी..की देख तो लूं मेरी पोस्ट पर कितनों ने Like किया है और कितने कमेंट्स आये हैं, ..!!
और आखिर में~~~~~दोस्तों कहीं आप यह मत समझ लेना की यह नोट भी मैंने ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स पाने के लिए लिखा है......हा हा हा..... :))
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