लाहौर (पाकिस्तान) में एक ब्यूटी पार्लर ऐसा है जहाँ तेज़ाब से जलाई गयी औरतें, वहां आने वाली औरतों की सुंदरता में चार चाँद लगाती हैं !
मुसर्रत मिस्बाह ने जो कि खुद एक ब्यूटी एक्सपर्ट, मीडिया पर्सनालिटी और सोशल एक्टिविस्ट हैं, इनके पुनर्वास का बीड़ा उठाया हुआ है ! उन्होंने इनके लिए 'Depilex Smile Again Foundation' नाम का फाउंडेशन बनाया है !
इसकी शुरआत की नींव तब पड़ी जब 2003 में उनके पास एक चेहरा ढके औरत आकर मदद के लिए गिड़गिड़ाने लगी, जब उन्होंने उसको चेहरा दिखाने को कहा तो वो सन्न रह गयीं, उसके चेहरा पर तेज़ाब फेंक गया था, नाक नहीं रही थी, आँखों की पलकें पिघल गयीं थीं, और चेहरे की पूरी त्वचा माँ की तरह झिल्ली के रूप में लटक रही थी !
उसकी हालत देखकर वो फूट फूट कर रोने लगीं,उन्होंने फ़ौरन ही उसे मेडिकल मदद उपलब्ध कराई, उसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो तेज़ाब हमलों से पीड़ित औरतों के लिए आवाज़ उठाएंगी और जागरूकता फैलाएंगी !
उन्होंने अपने पारिवारिक मित्रों के साथ मिलकर पाक मीडिया के ज़रिये महिलाओं पर तेज़ाब के हमलों के खिलाफ मोर्चा खोला, और साथ साथ ही तेज़ाब के हमलों से पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास का काम शुरू किया !
जल्दी ही उनके पास तेज़ाब के हमलों से पीड़ित औरतों की संख्या बढ़ने लगी, उन्होंने इसके लिए एक NGO खोला जिसे 'Depilex Smile Again Foundation' का नाम दिया गया !
इस फाउंडेशन के तहत वो तेज़ाब के हमलों से पीड़ित औरतों को स्वावलंबन से जीना सिखाती हैं, वो इन सभी पीड़ित औरतों को प्रशिक्षित कर अपने पार्लर में काम देती हैं, ताकि वो आर्थिक तौर मज़बूत हो सकें, किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े !
मुसर्रत मिस्बाह के 'Depilex Smile Again Foundation' की पाकिस्तान में 35 सब ब्रांचेज हैं, जहाँ तेज़ाब पीड़ित औरतों की देखभाल की जाती है, उन्हें रोज़गार से लेकर चिकित्सा सुविधाओं सहित आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक तौर पर सुदृढ़ करने की कोशिश की जाती है !
जैसा कि 2005 तक के आंकड़े बताते हैं कि मुसर्रत मिस्बाह ने 2005 तक 600 तेज़ाब पीड़ित महिलाओं का पुनर्वास किया था, इसमें उनके चेहरों के आपरेशन से लेकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने तक की कोशिशें शामिल थीं !
उनके फाउंडेशन की प्रसिद्धि और इंसानियत के लिए किया जाने वाले काम की प्रशंसा दुनिया भर में है, विश्व के लगभग सभी बड़े अखबारों ने उनके इस फाउंडेशन और उनके सराहनीय कामों के लिए समय समय पर लेख लिखे हैं, वीडिओज़ बनाये हैं, इंटरव्यूज लिए हैं ! और यह क्रम जारी है !
मुसर्रत मिस्बाह ने जो कि खुद एक ब्यूटी एक्सपर्ट, मीडिया पर्सनालिटी और सोशल एक्टिविस्ट हैं, इनके पुनर्वास का बीड़ा उठाया हुआ है ! उन्होंने इनके लिए 'Depilex Smile Again Foundation' नाम का फाउंडेशन बनाया है !
इसकी शुरआत की नींव तब पड़ी जब 2003 में उनके पास एक चेहरा ढके औरत आकर मदद के लिए गिड़गिड़ाने लगी, जब उन्होंने उसको चेहरा दिखाने को कहा तो वो सन्न रह गयीं, उसके चेहरा पर तेज़ाब फेंक गया था, नाक नहीं रही थी, आँखों की पलकें पिघल गयीं थीं, और चेहरे की पूरी त्वचा माँ की तरह झिल्ली के रूप में लटक रही थी !
उसकी हालत देखकर वो फूट फूट कर रोने लगीं,उन्होंने फ़ौरन ही उसे मेडिकल मदद उपलब्ध कराई, उसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो तेज़ाब हमलों से पीड़ित औरतों के लिए आवाज़ उठाएंगी और जागरूकता फैलाएंगी !
उन्होंने अपने पारिवारिक मित्रों के साथ मिलकर पाक मीडिया के ज़रिये महिलाओं पर तेज़ाब के हमलों के खिलाफ मोर्चा खोला, और साथ साथ ही तेज़ाब के हमलों से पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास का काम शुरू किया !
जल्दी ही उनके पास तेज़ाब के हमलों से पीड़ित औरतों की संख्या बढ़ने लगी, उन्होंने इसके लिए एक NGO खोला जिसे 'Depilex Smile Again Foundation' का नाम दिया गया !
इस फाउंडेशन के तहत वो तेज़ाब के हमलों से पीड़ित औरतों को स्वावलंबन से जीना सिखाती हैं, वो इन सभी पीड़ित औरतों को प्रशिक्षित कर अपने पार्लर में काम देती हैं, ताकि वो आर्थिक तौर मज़बूत हो सकें, किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े !
मुसर्रत मिस्बाह के 'Depilex Smile Again Foundation' की पाकिस्तान में 35 सब ब्रांचेज हैं, जहाँ तेज़ाब पीड़ित औरतों की देखभाल की जाती है, उन्हें रोज़गार से लेकर चिकित्सा सुविधाओं सहित आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक तौर पर सुदृढ़ करने की कोशिश की जाती है !
जैसा कि 2005 तक के आंकड़े बताते हैं कि मुसर्रत मिस्बाह ने 2005 तक 600 तेज़ाब पीड़ित महिलाओं का पुनर्वास किया था, इसमें उनके चेहरों के आपरेशन से लेकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने तक की कोशिशें शामिल थीं !
उनके फाउंडेशन की प्रसिद्धि और इंसानियत के लिए किया जाने वाले काम की प्रशंसा दुनिया भर में है, विश्व के लगभग सभी बड़े अखबारों ने उनके इस फाउंडेशन और उनके सराहनीय कामों के लिए समय समय पर लेख लिखे हैं, वीडिओज़ बनाये हैं, इंटरव्यूज लिए हैं ! और यह क्रम जारी है !
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