शनिवार, 13 जनवरी 2018

अपने अपने खम्भे !!


दरबारी : सरदार सरदार ग़ज़ब हो गया !!

सरदार : क्या हुआ बे ? इतना घबराया क्यों है ? क्या गेंडा प्रजाति खतरे में है, या अपनी कोई CD लीक हो गयी ?

दरबारी : कुछ ऐसा ही समझो सरदार !

सरदार : हुआ क्या है बताता क्यों नहीं !!

दरबारी : अपने एरिये के लोकतंत्र का एक खम्भा हिल गया सरदार !

सरदार : लोकतंत्र ??? खम्भा ?? अच्छा तो मैं क्या करूँ ?

दरबारी : हैं ....? सरदार ये बहुत ही गंभीर बात है, चारों ओर हंगामा हुआ पड़ा है !

सरदार : गंभीर बात .. हा हा हा ...कैसे बे ?

दरबारी : अपने एरिये के लोकतंत्र का एक खम्भा हिला है सरदार !

सरदार : कितने आदमी थी ?

दरबारी : चार रीढ़धारी थे सरदार !

सरदार : सिर्फ चार.....और तुम इन चारों के उठ खड़े होने से ही डर गए सालों ?? अच्छा चल बता...मैं कहाँ बैठा हूँ !

दरबारी : कुर्सी पर !

सरदार : और कुर्सी के कितने पाएं हैं ?

दरबारी : चार !

सरदार : चारों सही सलामत हैं, कोई हिल तो नहीं रहा ?

दरबारी : नहीं सरदार, बल्कि नीचे बहुत सारे भक्त इन चारों पायों को हाथों और दांतों से मज़बूती से पकडे बैठे हैं !

सरदार : आयी बात समझ में कि नहीं ?

दरबारी : सब समझ आ गया सरदार, आपकी कुर्सी के चारों पायों को बिलकुल भी खतरा नहीं !

सरदार : अच्छा अच्छा आगे बता कैसे कब, क्या किसने, कैसे, और क्यों खम्भा हिलाया ?

दरबारी : लोकतंत्र के चार रीढ़धारी पहरेदारों ने अपने कुंए वाली भांग खाने से मना कर दिया, और वो बाक़ियों को भी सचेत कर रहे हैं, हंगामा हुआ पड़ा है सरदार, सब लोग क्वेश्चन मार्क लिए खड़े हैं, कह रहे हैं लोकतंत्र खतरे में है !

सरदार : अपनी सोशल मीडिया IT सेल वालों को भाड़ा नहीं दिया क्या, वो क्या झक मार रहे हैं ?

दरबारी : दे दिया था सरदार, मगर GST काट कर दिया है तो 'की-बोर्ड डाउन' हड़ताल किये बैठे हैं, बोलते हैं हमने GST के पक्ष में सोशल मीडिया पर हवा बनाई और हमें ही पेमेंट GST काट कर दिया जा रहा है !

सरदार : ओके, मैं पेमेंट का इंतेज़ाम कराता हूँ, IT सेल वालों से कहो 24 घंटे इन रीढ़धारी लोगों का चरित्र हनन करते रहें, कोई कमी नहीं आना चाहिए, और हाँ 'फोटोशॉप गैंग' को भी लगा दो, कोई कमी नहीं आनी चाहिए !

दरबारी : ठीक है सरदार और कोई आदेश ?

सरदार : मेरे 'सेनापति' को मेसेज कर कहो कि अनारदाना, तिहाड़ी, ढिंचक चौरसिया वगैरह सभी टुकड़खोरों को फोन लगाकर अपना रूतबा दिखाए और 36 नंबर की तड़ी मारे, बोले कि ये टट्टू सब प्रोग्राम छोड़ कर दिन रात इन रीढ़धारी पहरेदारों का चरित्र हनन करने की जी तोड़ कोशिश करें, इसका अलग से पेमेंट paytm से कर दिया जायेगा !

दरबारी : जय हो, आप वाक़ई दुर्लभ हैं सरदार, कोटि कोटि प्रणाम !! 😃😜😛😃



शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

हम वाक़ई बिलकुल तुम जैसे निकले !!


तीन दिन पहले पाकिस्तान में आठ साल की मासूम बच्ची जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई थी, कल ही ग्रेटर नोयडा में एक कांस्टेबल ने सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया, बच्ची की दर्दभरी चीखें सुन कर लोग मौके पर पहुंचे तो पुलिसवाला आपत्तिजनक स्थिति में था, इस पर भीड़ ने पहले तो उसकी धुनाई की फिर पुलिस को बुलाया जिसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पुलिसवाले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है !


कभी पाकिस्तानी शायरा फहमीदा रियाज़ ने बेचैन होकर एक नज़्म लिखी थी :-
"तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छिपे थे भाई ?

कई मामलों में हम पाकिस्तान से भी गए गुज़रे हैं, उदाहरण के तौर पर :-

1. हंगर इंडेस्क्स में हम पाकिस्तान से पिछड़े हुए हैं !
https://scroll.in/latest/853852/india-worse-than-bangladesh-nepal-in-tackling-hunger-situation-serious-says-report

2. हैप्पीनेस इंडेक्स में हम पाकिस्तान से कम हैप्पी हैं, उससे पिछड़े हुए हैं !
http://www.businesstoday.in/current/world/india-ranks-behind-pakistan-bangladesh-in-happiness-index/story/248427.html

3. भ्रष्टाचार के मामले में हम पाकिस्तान के गुरु हैं, एशिया में सबसे भ्रष्ट देश का ताज भारत के ही सर पर है !
http://www.tribuneindia.com/news/nation/india-is-most-corrupt-country-in-asia-forbes/460652.html

4. प्रेस फ्रीडम का गला घोंटने में के मामले में हम पाकिस्तान के उस्ताद हैं !
https://www.thenews.com.pk/print/201029-Pakistan-up-India-down-in-World-Press-Freedom-Index

इसी लिए फहमीदा रियाज़ की ये नज़्म याद आयी है, उनकी ये नज़्म कई बार सही साबित हुई थी, हुई है, और शायद आगे भी होती रहेगी !

पढ़िए पूरी नज़्म :-

तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छिपे थे भाई

वो मूरखता, वो घामड़पन
जिसमें हमने सदी गँवाई

आखिर पहुँची द्वार तुम्‍हारे
अरे बधाई, बहुत बधाई।

प्रेत धर्म का नाच रहा है
कायम हिंदू राज करोगे ?

सारे उल्‍टे काज करोगे !
अपना चमन ताराज़ करोगे !

तुम भी बैठे करोगे सोचा
पूरी है वैसी तैयारी

कौन है हिंदू, कौन नहीं है
तुम भी करोगे फ़तवे जारी

होगा कठिन वहाँ भी जीना
दाँतों आ जाएगा पसीना

जैसी तैसी कटा करेगी
वहाँ भी सब की साँस घुटेगी

माथे पर सिंदूर की रेखा
कुछ भी नहीं पड़ोस से सीखा!

क्‍या हमने दुर्दशा बनायी
कुछ भी तुमको नजर न आयी?

कल दुख से सोचा करती थी
सोच के बहुत हँसी आज आयी

तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले
हम दो कौम नहीं थे भाई।

मश्‍क करो तुम, आ जाएगा
उल्‍टे पाँव चलते जाना

ध्‍यान न मन में दूजा आए
बस पीछे ही नजर जमाना

भाड़ में जाए शिक्षा-विक्षा
अब जाहिलपन के गुन गाना।

आगे गड्ढा है यह मत देखो
लाओ वापस, गया जमाना

एक जाप सा करते जाओ
बारंबार यही दोहराओ

'कैसा वीर महान था भारत
कैसा आलीशान था-भारत'

फिर तुम लोग पहुँच जाओगे
बस परलोक पहुँच जाओगे

हम तो हैं पहले से वहाँ पर
तुम भी समय निकालते रहना

अब जिस नरक में जाओ वहाँ से
चिट्ठी-विठ्ठी डालते रहना !!

हम वाक़ई बिलकुल तुम जैसे निकले !!

शुक्रवार, 5 जनवरी 2018

उर्दू अदब की ख्वातीन क़लमकारों का अंतर्राष्ट्रीय मंच वजूद में आया !!


हिंदुस्तान में उर्दू ज़बान-ओ-अदब की ख्वातीन क़लमकारों को एक मंच पर लाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय अदबी तंज़ीम वजूद में आयी है, इस तंज़ीम का नाम है 'बनात' بنات , बनात अरबी लफ्ज़ बिन्त से बना है, जिसका मतलब बेटी होता है, बनात बिन्त का बहुवचन है, जिसका मतलब बेटियां है !

इस अदबी तंज़ीम की सदर मोहतरमा निगार अज़ीम (दिल्ली) हैं, नायब सदर - अज़रा नक़वी, जनरल सेक्रेटरी - तस्नीम कौसर (दिल्ली), सेक्रेटरी - तबस्सुम फातिमा, नसरन फतेही, ट्रेजरार - सरवत खान (राजस्थान) !

उर्दू अदब की क़लमकार ख्वातीन की इस अंतर्राष्ट्रीय अदबी तंज़ीम का मक़सद हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों और शहरों से उर्दू अदब को फ़रोग़ देने वाली अदीबाओं को एक मंच पर लाकर उनकी हौंसला अफ़ज़ाई करना और उनको पहचान देने के साथ साथ सेमीनार, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस के ज़रिये उर्दू अदब के नए आयामों को अदबी दुनिया के सामने रखना !

इस तंज़ीम को हिंदुस्तान की मशहूर-ओ-मारूफ क़लमकार ख्वातीन की सरपरस्ती हासिल है, राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर ख्वातीन कलमकारों का ये मार्गदर्शन भी कर रही हैं ! और इनकी इन कोशिशों से हिंदुस्तान में ख्वातीन की एक मज़बूत अदबी ईमारत तामीर हो रही है, जो आगे जाकर उर्दू अदब को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी !

तंज़ीम की सरपरस्त ख्वातीन हैं :-
बिलक़ीस ज़फ़ीरूल हसन, शहनाज़ कँवल ग़ाज़ी,ज़किया मशहदी,सबीहा अनवर,बानो सरताज,
सय्यदा शान मेराज,क़मर जमाली,क़मर जहाँ,शाइस्ता युसू,हलीमा फिरदौस और रुख़साना जबीं हैं !

तंज़ीम की एग्जीक्यूटिव मेंबर हैं :-
ग़िज़ाल ज़ीगम,क़मर क़दीर, इशरत नाहीद, नुसरत शम्सी, अंजुम क़िदवई (उत्तर प्रदेश)
कहकशां तबस्सुम, सुरैया जबीं, शाइस्ता अंजुम, अफसाना खातून (बिहार)
शहनाज़ नबी (बंगाल), अफशां मालिक (उत्तराखंड), रेनू बहल, रुबीना शबनम (पंजाब)
मलका नसीम, तस्नीम खानम, हुस्न आरा (राजस्थान)
नुसरत महदी (मध्य प्रदेश) शबनम ईशाई, सय्यदा निकहत फ़ारूक़ (कश्मीर)
मेहर अफ़रोज़, फरीदा रहमतुल्ला (कर्नाटका) - आमना तहसीन (तेलंगाना)
सबीना फरशोरी (आंध्र प्रदेश) - सादीक़ा नवाबसहर, हाजरा बानो (महाराष्ट्र)
अमीरून्निसान (तमिलनाडु) शमा अफ़रोज़, नईमा जाफरी नूर ज़हीर, शबाना नज़ीर, इफ़्फ़त ज़रीन, ग़िज़ाला क़मर, वसीम राशिद, रज़िया हैदर, तरन्नुम जहाँ, सफीना - (दिल्ली)

ये तंज़ीम सूचना क्रांति के साथ क़दमताल करते हुए सभी अदबी मेंबर्स को आपस में सोशल मीडिया पर एक दूसरे को जोड़े हुए है और इसी के चलते बनात ने अपने व्हाट्सएप, फेसबुक पेज और ग्रुप भी बनाये हैं, आप चाहें तो इन लिंक्स पर जाकर देख सकते हैं :-
https://www.facebook.com/banat.live.77
https://www.facebook.com/groups/1977475589201671/

मंगलवार, 2 जनवरी 2018

पाकिस्तान नीति : भाजपा का दोहरा र'वैया बेनक़ाब !!

31 दिसंबर 2017 की रात को पूरे विश्व सहित भारत में भी नववर्ष के आगमन पर हर बार की तरह हर्षोल्लास के साथ साल 2018  का स्वागत किया गया, एक दूसरे को बधाइयां और शुभकामनायें दीं, मगर कल सोशल मीडिया पर देखा गया कि कई दोस्तों ने नए साल की बधाइयों से परहेज़ कर साल के आखिरी दिन कश्मीर के पुलवामा में पाक आतंकियों द्वारा हमारे छह जवानों की शहादत को सम्मान दिया, इससे पहले भी 24 दिसंबर को भी ठीक ऐसे ही हमले में एक मेजर सहित तीन जवान भी शहीद हुए थे, अगर इससे और पीछे जाते जाएँ तो हर सप्ताह में एक हमला और शहीद होते सैनिकों की तादाद मिलती जाएगी !

ये अच्छी बात है, भारतीय सेना के शहीद हुए जवानो के प्रति ये हम हिन्दुस्तानियों के दुःख हमारी संवेदनाओं और सम्मान को दर्शाता है !

आइये अब इसके दूसरे असंवेदनशील और निष्ठुर राजनैतिक पहलू देखते हैं, एक अपुष्ट खबर के अनुसार कारगिल शहीदों से ज़्यादा जवान NDA सरकार के इस शासनकाल में पाकिस्तानी आतंकी हमलों में शहीद हो चुके हैं !

साल 2016 में 87 जवान शहीद हो चुके थे, इनमें से 71 जवान सिर्फ कश्मीर घाटी में शहीद हुए थे, 2008 के बाद किसी एक साल में सुरक्षा बलों की शहादत का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है !
https://navbharattimes.indiatimes.com/state/jammu-and-kashmir/srinagar/3-jawans-killed-in-jk-toll-in-16-reaches-87-worst-since-08/articleshow/56044133.cms

सबसे पहले संघ का पाकिस्तान के प्रति नजरिया देखिये कि मोहन भगवत कहते हैं कि "पाकिस्तान तो हमारा भाई- सरकार उससे रिश्ते मजबूत करे !"
https://www.bhaskar.com/news/NAT-NAN-pakistan-is-our-brother-government-must-work-to-improve-ties-rss-5104551-NOR.html


एक के बदले दस सर लाने का ठेका लेने वाली कंपनी और उसके सरदार के लिए जवानो की शहादत अब शायद अखबार में छपे उस भविष्यफल के समान हो गयी है जिस पर सरसरी नज़र मार कर लोग अपने मतलब की ख़बरें पढ़ने के लिए पन्ने पलट लिया करते हैं !


संवेदनाएं नदारद हो चुकी हैं, ट्वीट ख़त्म हो चुके हैं, एक के बदले दस सर लाने की जगह पाकिस्तान मुर्दाबाद और पाक के झंडे जलाकर कर इतिश्री कर ली जाती है, पाक पर हमला कर मज़ा चखाने हुंकारा अब म्याऊं में तब्दील हो चुका है, ज़ोर देकर विचार विमर्श करें तो भक्त बिरादरी इस मुद्दे पर कूटनैतिक हवाला देकर पतली गली से निकलती नज़र आने लगी है !

UPA सरकार में पाक की ओर से एक गोली चलने पर ट्वीट करने वाले प्रधान मंत्री के पास अब शहीद होते जवानो के प्रति संवेदना के ट्वीट नज़र नहीं आते, आप ट्वीटर पर उनके आधिकारिक हैंडल पर जाकर देख सकते हैं कि 31 दिसंबर को पुलवामा के जिन शहीदों की शहादत पर शोकाकुल होकर जिस देश के लोग सोशल मीडिया पर नववर्ष की बधाइयों से परहेज़ कर रहे हैं, उस देश के प्रधानमंत्री शहीदों की शहादत पर ट्वीट करने के बजाय खुद राष्ट्रपति के साथ नववर्ष की शुभकामनाओं का आदान प्रदान का ट्वीट करते नज़र आ रहे हैं !

इससे आगे बढिये तो आप देखेंगे कि भारत - पाक के बीच सभी व्यापारिक लेनदेन, आवागमन बराबर चल रहा है, अटारी बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी)  के जरिए दोनों देशों के बीच व्यापार होता है, भारत पाकिस्तान द्वारा करीब 150-200 ट्रक सामान आयात करता हैं, जो कि बिना किसी विरोध या रोकटोक के बदस्तूर जारी है !

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान को दिया गया 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा लाख सर फोड़ने के बाद भी वापस नहीं लिया जा रहा !

इससे आगे चलिए....गौरक्षा का दम भरने वाली और गौरक्षा व बीफ पर इंसानी खून से सड़कें लाल करने वाले भक्तों और भाजपा कार्यकर्ताओं वाली भाजपा सरकार के आने के बाद भारत ने पाकिस्तान को 113 करोड़ का बीफ निर्यात किया है :-
 http://muslimmirror.com/eng/india-exports-beef-worth-rs-113-crores-to-pakistan/



यही नहीं पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिए जाने की वजह से साल 2016 - 17 में भारत पाकिस्तान के बीच 15,271.12 करोड़ का व्यापर हुआ है !

यहाँ आप इस व्यापार की पूरी लिस्ट देख सकते हैं :-
http://indianretailsector.com/news/india-and-pakistan-trade-balance-5-years-export-import-analysis/#sthash.3QIgBe0V.hZqIK92g.dpbs

पाक राजदूत को और उसके स्टाफ को बराबर वही सिक्योरिटी दी जा रही है, ना उन्हें तलब कर सीमा पर हो रही इन घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त की ना ही ऐसे कोई तेवर नज़र आने की उम्मीद है, आप चाहें तो पाक दूतावास के सामने जाकर एक बार उग्र विरोध प्रदर्शन कर देखिये, दिल्ली पुलिस तशरीफ़ सुजा कर घर भेज देगी !

अब इससे और आगे ... एक चुटकुला और ....कुलभूषण जाधव की माता जी और पत्नी से पाकिस्तानी अधिकारीयों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने के बाद और जब सुषमा जी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने का पाकिस्तान को मुंहतोड़ बयान दे रही थीं ठीक उसी समय भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार ले. नासिर खान जंजुआ के बीच 26 दिसंबर को बैंकॉक में गुप्त बैठक चल रही थी !



यानी क्रिकेट और फिल्मों की रोकटोक तक जनता को लॉलीपॉप बाक़ी सब धंधे परदे के पीछे चालू ?

और दूसरा चुटकुला ये कि हाल ही में सितम्बर 2017 को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने कहा था कि "जब तक पाकिस्तान सीमा पार से जारी आतंकवाद को नहीं रोकता तब तक उसके साथ बातचीत नहीं होगी !"


इस चुटकुले का अगला भाग देखिये कि राजनाथ सिंह जी के उपरोक्त बयान के बावजूद भी भारत के सुरक्षा सलाहकार और पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार बैंकॉक में गुप्त बैठक कर लेते हैं :-
https://www.jansatta.com/rajya/new-delhi/national-security-advisors-nsa-india-ajit-doval-pakistani-counterpart-lt-general-nasir-khan-janjua-met-bankok-kulbhushan-jadhav-met-family-pakistan/535000/


मने काम सब हो रहे हैं, जनता को क्रिकेट बेन, पाक कलाकार बेन, कुलभूषण जाधव, पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे लॉलीपॉप को राष्ट्रवाद के रैपर में लपेट कर थमा दिया गया है जिसे जनता चूसे जा रही है और नारे लगाए जा रही है !

जिन पर इन प्रायोजित आतंकी घटनाओं को रोकने की रणनीतियां बनाने, कूटनैतिक क़दम उठाने की ज़िम्मेदारी है उन्हें इनसे कोई मतलब नज़र नहीं आता, ज़्यादा ज़ोर मारो तो सर्जिकल स्ट्राइक का ढोल बजाकर जनता से तालियां बाजवा कर अपने बैनर शहरों में लटका देते हैं, पंद्रह दिन बाद फिर से जवानो के शहीद होने की दुखद ख़बरें आने लगती हैं !

ये कैसी कूटनीति है ? कैसी पाक नीति है ? कैसी रणनीति है कि चार साल होने को आये ना ही पाक काबू में आया और ना ही कश्मीर समस्या सुलझी ?

पाकिस्तान सम्बन्धी मुद्दों को मीडिया के साथ नेता लोग भी नमक मिर्च लगाकर इसीलिए परोसते रहते हैं क़ि भक्त खोपड़ी पाकिस्तान का मतलब 'मुसलमान' ही समझती है, इसी पाकिस्तान के बहाने देश के मुसलमानो पर गुर्राने और उन्हें चिढ़ाने या नीचा दिखने का कुत्सित मौक़ा मिल जाता है, और ये कई बार साबित भी हो चुका है !

मगर केवल इस कुत्सिक मानसिकता को खाद पानी देने के लिए अगर पाकिस्तानी हरकतों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है तो ये बहुत ही गंभीर संकेत है, और यदि नहीं तो फिर ये सरकार की विदेश नीति, पाक नीति, कश्मीर नीति, और कूटनीति का टोटल फेल्योर है, जिसका खामियाज़ा पाक सीमा पर स्थित गांवों के लोगों के साथ कश्मीर की जनता भुगत रही  है, और हमारे जवान अपनी जाने देकर चुका रहे हैं !

दलील पेश की जाती है कि पाक ने हमारे चार जवान शहीद किये बदले में हमने उनके पांच जवान या आतंकी मार गिराए, ये कैसी नीति है ? जवानो की शहादत पर आतंकी घुसपैठ या हमलों पर रोक क्यों नहीं ? क्यों इंतज़ार किया जाता है कि वो हमला कर जवान शहीद करें, और बदले में हम उन आतंकियों को मार गिराएं ? क्यों सख्ती से पेश नहीं आते ? क्यों कोई ढंग की कूटनीति बनाकर पाकिस्तान को इन आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूर नहीं किया जाता ? वजह क्या है आखिर ?

कुल मिलाकर ऊपर दिए गए सभी आंकड़ों, सबूतों और बयानों को देखते हुए नतीजा यही निकलता है कि एक घोषित आतंकी देश पाकिस्तान मोदी सरकार के लिए दुश्मन देश से ज़्यादा व्यापर करने के लिए, मुसलमानो को हैरान करने चिढ़ाने और उन्हें निशाने पर लेने और अपनी फेल पाक नीति,कश्मीर नीति को छुपाने का 'मोस्ट फेवर्ड टूल' बना हुआ है !!