दरबारी : सरदार सरदार ग़ज़ब हो गया !!
सरदार : क्या हुआ बे ? इतना घबराया क्यों है ? क्या गेंडा प्रजाति खतरे में है, या अपनी कोई CD लीक हो गयी ?
दरबारी : कुछ ऐसा ही समझो सरदार !
सरदार : हुआ क्या है बताता क्यों नहीं !!
दरबारी : अपने एरिये के लोकतंत्र का एक खम्भा हिल गया सरदार !
सरदार : लोकतंत्र ??? खम्भा ?? अच्छा तो मैं क्या करूँ ?
दरबारी : हैं ....? सरदार ये बहुत ही गंभीर बात है, चारों ओर हंगामा हुआ पड़ा है !
सरदार : गंभीर बात .. हा हा हा ...कैसे बे ?
दरबारी : अपने एरिये के लोकतंत्र का एक खम्भा हिला है सरदार !
सरदार : कितने आदमी थी ?
दरबारी : चार रीढ़धारी थे सरदार !
सरदार : सिर्फ चार.....और तुम इन चारों के उठ खड़े होने से ही डर गए सालों ?? अच्छा चल बता...मैं कहाँ बैठा हूँ !
दरबारी : कुर्सी पर !
सरदार : और कुर्सी के कितने पाएं हैं ?
दरबारी : चार !
सरदार : चारों सही सलामत हैं, कोई हिल तो नहीं रहा ?
दरबारी : नहीं सरदार, बल्कि नीचे बहुत सारे भक्त इन चारों पायों को हाथों और दांतों से मज़बूती से पकडे बैठे हैं !
सरदार : आयी बात समझ में कि नहीं ?
दरबारी : सब समझ आ गया सरदार, आपकी कुर्सी के चारों पायों को बिलकुल भी खतरा नहीं !
सरदार : अच्छा अच्छा आगे बता कैसे कब, क्या किसने, कैसे, और क्यों खम्भा हिलाया ?
दरबारी : लोकतंत्र के चार रीढ़धारी पहरेदारों ने अपने कुंए वाली भांग खाने से मना कर दिया, और वो बाक़ियों को भी सचेत कर रहे हैं, हंगामा हुआ पड़ा है सरदार, सब लोग क्वेश्चन मार्क लिए खड़े हैं, कह रहे हैं लोकतंत्र खतरे में है !
सरदार : अपनी सोशल मीडिया IT सेल वालों को भाड़ा नहीं दिया क्या, वो क्या झक मार रहे हैं ?
दरबारी : दे दिया था सरदार, मगर GST काट कर दिया है तो 'की-बोर्ड डाउन' हड़ताल किये बैठे हैं, बोलते हैं हमने GST के पक्ष में सोशल मीडिया पर हवा बनाई और हमें ही पेमेंट GST काट कर दिया जा रहा है !
सरदार : ओके, मैं पेमेंट का इंतेज़ाम कराता हूँ, IT सेल वालों से कहो 24 घंटे इन रीढ़धारी लोगों का चरित्र हनन करते रहें, कोई कमी नहीं आना चाहिए, और हाँ 'फोटोशॉप गैंग' को भी लगा दो, कोई कमी नहीं आनी चाहिए !
दरबारी : ठीक है सरदार और कोई आदेश ?
सरदार : मेरे 'सेनापति' को मेसेज कर कहो कि अनारदाना, तिहाड़ी, ढिंचक चौरसिया वगैरह सभी टुकड़खोरों को फोन लगाकर अपना रूतबा दिखाए और 36 नंबर की तड़ी मारे, बोले कि ये टट्टू सब प्रोग्राम छोड़ कर दिन रात इन रीढ़धारी पहरेदारों का चरित्र हनन करने की जी तोड़ कोशिश करें, इसका अलग से पेमेंट paytm से कर दिया जायेगा !
दरबारी : जय हो, आप वाक़ई दुर्लभ हैं सरदार, कोटि कोटि प्रणाम !! 😃😜😛😃
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