रविवार, 20 मार्च 2011

अमेरिका की दादागिरी,

अमेरिका की दादागिरी,
                                 जैसे इराक पर झपट्टा मारा था, ठीक वैसे ही अब लीबिया का नंबर लग गया है, पहले सद्दाम हुसैन ने बुश को मोका दिया था,  वैसे ही यूरोपियन देशों की आँख की किरकिरी बने गद्दाफी ने अपने नागरिकों पर हमला करके, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस को भी वैसा ही मोका दे दिया है, जब की ठीक येही स्तिथि येमेन और बहरीन में भी है, बहरीन में तो सउदी सेनाएं विद्रोह को कुचलने के लिए भी पहुँच गयीं हैं, मगर वहां का  अमेरिका को कुछ भी नहीं दिख रहा,  उसे तो बस गद्दाफी और तेल दिख रहा है,  इस पूरे परिद्रश्य में पूरी ग़लती गद्दाफी की ही मानी जाएगी, समझदारी होती तो होस्नी मुबारक की तरह धन दोलत ले कर खाड़ी देश चला जाता,  मगर अब शायद मर कर ही निकलेगा. विनाशकाले विपरीत बुध्धि !!

2 टिप्‍पणियां:

  1. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस....ki Shakal,,niyat.,,se sari duniya waqif hai.magar ye bhi sach hai,jo bhi ho raha hai,ye hamare AAMAAL ki saza hai,hame tamaam UMMATI K liye DUAA karni chahiye.,
    aur sawal raha,in ..aien munassir.. mulkon(countries),ka,, hame ek sath hokar inke khilaf Awaz uthani chahiye..,aur jab jab ye Takabbur rakhne wale,,Insano pr Zulm karne wale,apni limit par karte hain, Tab tab,In pr SUNAMI jaisi shakal mein Qahar Nazil hota hai.........,

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  2. Thanks, Aamir bhai, aur mubarak ho aapka blog ki duniya mein :))

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