रविवार, 19 जून 2011

कौन नालायक कहता है कि हम ग़रीब है.....??

कौन नालायक कहता है कि हम ग़रीब है.....??

by Asif Ali Hashmi on Sunday, June 19, 2011 at 2:14am
संचार मंत्री ए राजा ने  एक लाख 70 हज़ार करोड़ का घोटाला किया.....
और शरद पंवार को भ्रष्टाचार में मात दे दी....
 
जगन रेड्डी के पास  365 करोड़ कि संपत्ति....
सुरेश कलमाड़ी ने  कोमोन्वेल्थ खेलों के आयोजन  में  100  करोड़ का घोटाला किया...

कनिमोझी को  200 करोड़ रूपये के  लेनदेन में जेल....
येदुरप्पा पर करोड़ों के  ज़मीनी घोटाले का आरोप ......

यह हमारे देश के कुछ  नेता और राजनेता.....और उनके कुछ कारनामे जो बाहर आयें और हमें  पता चला...
यह हमारा दुर्भाग्य है कि ...देश के नेताओं  की पैसे के हवस ने इस देश को  लूट लूट कर  लहू लुहान कर दिया....

और दूसरी और......
स्व. आचार्य रजनीश..... .अमरीका में विशाल आश्रम  ...अमीर भक्त, और  राल्स  रायस कारों का काफिला........
स्व. धीरेन्द्र ब्रह्मचारी.....वायुयान तक तोहफे में दे दिया था...
चन्द्र स्वामी.....अदनान खशोगी  ( हथियारों का 
अंतर्राष्ट्रीय  दलाल) से रिश्ते  और बोफोर्स सौदे में  संदिग्ध भूमिका.....स्व. पुट पार्थी साईँ .....98 किलो सोना, 300 किलो चाँदी, 11 करोड़ से अधिक नकदी,  और विदेशी मुद्रा की जांच चल रही है...
बाबा रामदेव...1177 करोड़ की आय....( केवल 4 ट्रस्टों से ) शेष 200 से अधिक कंपनियों की आय व्यय ...का पता नहीं....
यह हैं हमारे देश के  कुछ   बाबा......और उनके  साम्राज्य  की  झलक .....
इस सूची में  और भी कई साम्राज्य  हैं.....
परन्तु प्रश्न उठता है .....कि......क्या इन सब  के साम्राज्य  ऐसे होना.....हमारे लिए....
1  गर्व की   बात है.....?
२. दुःख   की  बात है...?
3 . शर्म  की   बात है....?
4 . सोचने 
की   बात है...?
जिस देश में किसान  आत्म हत्याएं कर रहे हों......जहाँ  ..गर्भवती औरतें अस्पतालों के दरवाजों पर  बच्चे पैदा करने को मजबूर हों....उस देश के नेता , और बाबा  दोनों  के  आय  व्यय  के आंकड़े भी  हर कुपोषित बच्चे कि मौत पर उनकी आय में  एक शून्य  लगा रहा हो जैसे. हैं.....यह एक सोचने कि बात है ....
क्यों यह नेता लोग  और  बाबा लोग हर बार ये बात भूल जाते हैं की....." कफ़न  में  जेब  नहीं  होती  " ......!!!

2 टिप्‍पणियां:

  1. apne vartman vyawastha ka sateek chitran kiya hai. aaj beshaq koi bhi field bhrastachar se achhota nahi hai, lekin iske liye ham swayam bhi zimmedar hain. sthiti ye hai ki jahan hamara kaam ban raha hota hai to ham kisi bhi keemat par kaam kara lena chahte hain, aur jab kaam nahi banta to bhrastachar ki duhai dete hain. main samajhta hun ki hamen chehre se nakab hatani padegi aur kam se kam khud se hi shuruwat karni hogi. aakhir ham badlenge jag badlega.

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  2. सर आपको मेरा नमस्कार...
    सर मैं बहुत दिनो से बढ़ा असमंजस में हूं..मैं ये जानने की कोशिश कर रहा हू कि आखिर आम आदमी कौन हैं? क्यो कि सुनता रहता हूँ की आम आदमी को टैक्स में राहत दी गयी। आम आदमी को पेट्रोल पर राहत दी गयी ..तो आखिर असली आम आदमी कौन है...एक सवाल और सुना हैं की देश में 80% लोग केवल 20 रुपये पर काम करते हैं..मतलब कि महीने मे 600 और साल में 7200 तो आम आदमी कैन हैं ???

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