रविवार, 17 जुलाई 2011

आओ tweet करें~~~~~~~~~~!! =====================

Social Networking  Sites ने इस दौर को दो ऐसी चीज़ें भी दी हैं..जिसका दुरूपयोग  भी उतना ही हो रहा है जितना की उपयोग...और वो हैं..पहला facebook ..और दूसरा है tweeter ...! ट्वीटर का नाम आते है हमें IPL के दौरान शशि थरूर और ललित मोदी के बीच हुए ट्वीटर युद्ध याद आ जाता है, और इसी युद्ध के कारण थरूर की कुर्सी भी चली गयी थी ! और फिर एक बार ट्वीटर सुर्ख़ियों में है...मुंबई बम ब्लास्ट के बाद महान हस्तियों ने खूब ट्वीट किये..सामयिक मुद्दों पर फिल्म बनाने वाले और फैशन फिल्म के निर्माता मधुर भंडारकर उस समय एक फैशन शो के मज़े ले रहे थे, जब मुंबई ब्लास्ट हो चुके थे....और वो लगातार ट्वीट कर के अपनी भावनाए बता रहे थे, लोगो को पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर भी ट्वीट कर रहे थे.. और सुन्दर बालाओं की केटवाक वाली  महफ़िल में डूबे हुए भी थे !
दूसरा उदाहरण शाहरूख खान का है...ब्लास्ट के समय यह भी " ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा " फिल्म के सितारों के साथ पार्टी के मज़े ले रहे थे...और लोगों को ट्वीट कर के दुःख भी जता रहे थे. यह दोनों वही लोग हैं जिनको मुंबई ने एक पहचान दी है...और मुंबई के लोग इन लोगों को सर आँखों पर बैठाते हैं...इन के केर्रिएर और TRP बढाते है, और इन लोगों ने ऐसे दुखद  समय में मुम्बईकरों के साथ भद्दा मजाक किया है, यह Celebrity बाजारवाद के मोहरे हैं....इन को केवल अपनी TRP और Career की पहले चिंता है, न देश की न जनता की, इन की फिल्म हिट होना ज़रूरी है...इसके लिए यह किसी हद तक भी जा सकते हैं....माई नेम इस खान फिल्म के लिए शाहरुख़ खान ने अमेरिका में जो ड्रामा किया था...वो इसका एक उदाहरण है....यह लोग ...भावनाओं से खेल कर अपना उल्लू सीधा कर काम  निकालने में माहिर हैं....और अब तो इन के हाथ एक और हथियार और लग गया है...नाम है....ट्वीटर, ...तो आओ दोस्तों.हम इनके ज़मीर और अंतरात्मा को एक .tweet करें कि कुछ भी करो मगर ऐसे हादसों के समय ऐसे मजाक करके लोगों के ज़ख्मों पर नमक तो नहीं छिड़का करें..!!

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