बुधवार, 3 अक्तूबर 2012

पंगु विपक्षी दल.....और सत्ता के सपनो की चिल्ल पों ~~~~!!


सरकार वेंटिलेटर पर.....सरकार आई सी यूं  में.....और ना जाने क्या क्या...उत्तराखंड में यदि कांग्रेस में कोई आपसी मतभेद होता है....तो भाजपा और मीडिया को सरकार केंद्र में अस्थिर नज़र आने लगती है,  रेलवे बजट और ममता की धमकियों से भाजपा और प्रायोजित मीडिया को लगता है कि सरकार वेंटिलेटर पर है...पंगु भाजपा खुद ही  वर्षों से आई सी यूं में  वेंटिलेटर पर थी....अन्ना, बाबा और एस. स्वामी  ने इंजेक्शन लगा कर होश में क्या ला दिया...कि अब यदि मुख्तार नकवी को या सुषमा स्वराज जी को यदि सोते में उठा कर बोलने को कहा जाए तो उनके मुंह से केवल एक ही नारा निकलेगा...सरकार को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए...बिल्ली को ख्वाब में भी छिछ्ड़े ही नज़र आते हैं...!

सत्ता के सेमी फाइनल (उत्तर प्रदेश) में भाजपा को ना तो रामदेव के प्रचार का फायदा मिल सका और ना ही टीम अन्ना का जनलोकपाल का झुनझुना बज सका....सपा सीना ठोंक कर बहुमत में आयी...उलटा भाजपा को 20 वर्षों से क़ब्ज़ा जमाये अपने राम मंदिर आन्दोलन के गढ़ अयोध्या सीट से हाथ धोना पड़ा...अब ऐसे में यदि वो सरकार से इस्तीफ़ा मांगती है तो यह क्या दर्शाता है...?  राम मंदिर मुद्दा भी गया...अन्ना और बाबा के आन्दोलन की सवारी भी काम नहीं आयी...अब आगे क्या....? विकल्प क्या है...? केवल सरकार गिराना ही कोई हल नहीं होता.....उसका विकल्प भी तो देना होगा.....! रही सरकार के अस्थिर होने की ....या टी एम् सी (ममता) की धमकियों का तो सरकार के पास बहुत सारे विकल्प हैं...मुलायम सिंह हमेशा ऐसे समय में कांग्रेस के लिए ढाल बन कर खड़े हुए हैं....और यदि ममता दीदी ने सीमा पार की तो...सरकार को उनकी हद बताकर उनको बाहर का रास्ता भी शायद जल्दी ही दिखा दिया जाए.....मुलायम ...सरकार के साथ हैं...!  ऐसे में कौन वेंटिलेटर पर है....और कौन आई सी यूं में.....सब कुछ साफ़ हो जाएगा....सरकारें कोई मेज़ कुर्सी नहीं होती कि जब चाहे गिरा दिया जाए...जब चाहे पलट दिया जाए...हाँ सत्ता के सपने देखने की सब दलों को आज़ादी है....इस पर कोई रोक नहीं है...चाहें तो दिन में भी देख सकते हैं.....!!

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