शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

आप इतिहास रच सकते हैं मोदी जी, बशर्ते...!!

लगभग तीन महीने पहले AMU (अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) में मेडिकल परीक्षा के काम से अलीगढ जाना हुआ था, वहां क़याम के दौरान कई लोगों से पॉलिटिक्स पर बात चीत हुई,  वहां के लोगों ने बहुत ही विचारोत्तेजक बिन्दुओं पर ध्यान दिलाया, वहां की बात चीत में जो बाते निकल कर सामने आईं वो कुछ इस तरह से थीं कि ... पहली और सबसे बड़ी बात तो यह कि वहां के लोगों का यह कहना था कि नरेंद्र मोदी की इस बड़ी जीत से घबराने या आशंकित होने की बिलकुल ही ज़रुरत नहीं है, यह एक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया है, कोई भी राजनैतिक दल सत्ता पाने का अधिकारी होता है ! 


वहां के लोगों का यह भी कहना था कि प्रधान मंत्री पद की शालीनता, कर्तव्य, और गरिमा होती ही ऐसी है कि उस पद पर आसीन होने के बाद व्यक्ति में परिवर्तन स्वाभाविक होता है, और यही कारण है कि नरेंद्र मोदी की चुनावी आक्रामक शैली अब कहीं नज़र नहीं आ रही है, इस पद पर आसीन होने के बाद उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने को बाध्य तो होना ही है, इस विशाल देश और उसकी की जनता का वर्तमान और भविष्य संवारने का ज़िम्मा और मौक़ा उन्हें मिला है, ऐसे मौके को खोना नहीं चाहिए और अपने आपको साबित करना चाहिए, लम्बी पारी खेलनी है तो सभी को साथ लेकर चलना चाहिए,  आपने वर्तमान जीत लिया तो भविष्य भी आपका है !


दूसरी अहम बात वहां के लोगों ने कही कि इस चुनाव और भाजपा की विराट जीत ने नरेंद्र मोदी को एक नायाब सुनहरा मौक़ा दिया है कि वो अगर ठान लें तो अपने आप को अटल बिहारी से आगे ले जाकर दिखा सकते हैं, और इतिहास में एक शाक्तिशाली प्रधान मंत्री के रूप में स्थापित हो सकते हैं, बशर्ते कि वो वर्तमान का सही और सार्थक उपयोग कर सकें, जो कि बहुत ही कठिन है ! कारण साफ़ नज़र आ रहे हैं कि जहाँ एक ओर इनकी ही पार्टी के योगी आदित्यनाथ और साक्षी महाराज जैसे लोग लोग लव जिहाद और मदरसों पर आतंकी पैदा करने, गरबा में मुसलमानो को प्रवेश न देने जैसे मुद्दे लेकर धार्मिक उन्माद भड़काने के लिए सड़कों पर उत्तर आएं हैं, वहीँ दूसरी ओर संघ ने भी धीरे धीरे हिन्दू राष्ट्र का राग शुरू कर दिया है, यह बहुत दुखद है..और इससे ज़्यादा दुखद है.... इन सभी मामलों पर मोदी जी की चुप्पी !


ऐसे में यदि मोदी जी ने इन ताक़तों के सामने हथियार डाल दिए तो 2019 को शायद इन्हे जनता की कड़वी दवाई पीनी पड़ जाए, इसी लिए इस चुनावों में मिले विशाल बहुमत  का सम्मान करते हुए यदि मोदी जी अपने इन बयान बहादुरों के मुंह और प्रयासों पर लगाम लगा कर. संघ के प्रभाव से मुक्त होकर सभी करोड़ों देश वासियों के हित के लिए आगे बढ़ें तो उनको सभी का समर्थन और साथ मिलता रहेगा, देश के सभी वर्ग, धर्म के लोग भारत को बुलंदियों पर देखना चाहते हैं, एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं, वे सभी अपना सुरक्षित भविष्य और सुनहरा वर्तमान चाहते हैं !


हाल ही में  देश में हुए उपचुनावों के नतीजों के बाद बयानों में आये बदलावों और आज हिंदुस्तानी मुसलमानो के लिए दिए गए उनके बयानों से आशा की एक हल्की सी लौ तो झिलमिलाई है, अब उस लौ को आशा का दीपक बनाये रखने की पूरी ज़िम्मेदारी मोदी जी की है, देखना है कि इस पर वो कितने खरे उतरते हैं !!

(Śỹëd Äsîf Älì)

20/09/2014

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