बुधवार, 15 अप्रैल 2015

फेसबुक की दुनिया अगर ऐसी मान लें तो ....

फेसबुक पर कभी ऐसा लगता है जैसे हर यूज़र अपनी अपनी दुकान (टाइम लाइन) खोले, अपना माल (Status) सजाये ग्राहकों और आगंतुकों के इंतज़ार में बैठा है, और यह माल हर प्रकार का हो सकता है, जैसे राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक, मनोरंजक, रस रंग वाला, खेल या फिल्मो से सम्बंधित, और हर यूजर अपनी तौर पर बेहतर से बेहतर माल (स्टेटस) बनाकर सजाने की कोशिश करता है, बैनर, साइन बोर्ड, फोटो आदि इत्यादि, सभी अपने माल में वेराइटी लाने की भरपूर कोशिश करते हैं, मगर कुछ लोग सिर्फ एक ही प्रकार का माल सजाये रखते हैं, और उस माल के इच्छुक सीधे ही उनकी दुकान पर जा पहुँचते हैं !

अब आगे ... फेसबुक को अगर एक बहुत बड़े मार्किट के रूप में माने तो इस मार्किट में घूमते फिरते अन्य परिचित बड़े और व्यस्त दूकानदार (यूज़र्स) फुर्सत मिलती है तो दुकान पर आकर माल देख कर मुंडी हिलाकर सहमति या फिर अंगूठा ऊपर कर like का इशारा कर निकल लेते हैं, कुछ दूकानदार थोड़ा समय रुक कर माल चेक कर सहमति या असहमति प्रकट करते हैं, आप इसे #कमेंट मान सकते हैं !
 कुछ दूकानदार अपने माल की वेराइटी पर इतना विश्वस्त होता है कि वो कई अन्य परिचित दुकानदारों को (भले ही वो चाहें या ना चाहें) उस माल को उनके नाम की पर्ची लगा कर चेक करने भेज देते हैं, आप इसे #टैग कह सकते हैं !
 कुछ अन्य दुकानदार इतने फ्री होते हैं है कि अपना माल अपने अन्य परिचित दुकानदार के घर बिना पूछताछ के ही पोस्ट बॉक्स तक में डाल आते हैं......आप इसे #इनबॉक्स में किसी पोस्ट को चेपना कह सकते हैं !
 कुछ दुकानदार अपनी दुकान पर माल तैयार करने में यदि असमर्थ होते हैं तो वो अपने किसी परिचित के माल की फ्रेंचाईज़ी लेकर माल रख लेते हैं, आप इसे किसी पोस्ट को #शेयर करना कह सकते हैं !
 कुछ दुकानदार इतने माहिर होते हैं कि फेसबुक के मार्किट में सिर्फ इसी लिए घूमने निकलता है कि कहीं से किसी का अच्छा माल चुराने का मौक़ा मिल जाए, और वो उसे अपनी दुकान (टाइम लाइन) पर अपना ठप्पा लगा कर रख ले, आप इसे किसी की पोस्ट #चोरी कर अपने नाम से छापना कह सकते हैं !!
कुछ पुरुष दुकानदार.....अधिक भीड़ और प्रशंसा की चाह के चलते...महिला वेश धारण कर दुकान सजाते हैं...आप इसे #फेक_प्रोफाइल कह सकते हैं, यहाँ इस प्रकार की दुकान पर हर कुछ माल .......धड़ल्ले से बिकता है, लोग सुबह से दुकान खुलने की प्रतीक्षा में कई चक्कर लगा डालते हैं, खुलते ही लोग माल (स्टेटस) का स्तर देखे बिना ही उस पर टूट पड़ते हैं, होड़ लग जाती है ! मामला इनबॉक्स तक भी पहुँच जाता है !

{चलिए इसी बहाने......यह माल भी अच्छा तैयार हो गया.......इसे सजाकर अपनी दुकान पर लगाता हूँ }


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