शुक्रवार, 1 मार्च 2013

भाजपा के लिए हास्यास्पद सर दर्द ~~!!

बार बार मोदी का नाम 2014 के चुनावों हेतु प्रधानमंत्री के लिए  आगे कर जहाँ एक और भाजपा देश और NDA के राजनैतिक तापमान को माप रही है,  वहीँ दूसरी और अंदरूनी कलह से परेशान हुई बैठी भाजपा खुल कर मोदी को अगले प्रधान मंत्री के लिए प्रोजेक्ट भी नहीं कर रही है ..इनकी गाडी दो क़दम आगे जाती है, तो दूसरे ही दिन तीन क़दम पीछे भी हो जाती है, कभी ख़ुशी ...तो कभी ग़म ...वाली बात हो रही है, वैसे इनका संकट बहुत गहरा है !

खुद मोदी ने अपने आपको पी आर एजेंसियों की मदद और मीडिया की मदद से अपनी ऊंचाई तो बढवा ली, तो दूसरी और भाजपा ने भी इस बढे हुए प्रायोजित क़द का गुणगान करना शुरू कर दिया, अब चाहे वो कुम्भ में साधू संतों से मोदी का समर्थन कराना हो या कालेजो में विकास के झुनझुने पर भाषण !

और नतीजा यह हुआ कि  इन्होने मोदी का क़द अपनी पार्टी से भी बड़ा करा करा कर ...खुद ही आफत मोल ले ली है, अब न भाजपा मोदी को निगल ही सकती है, और ना ही उगल सकती है, दूसरी और NDA के बड़े सहयोगी दलों ने भी इस " मोदी मोदी खेलने " के तमाशे पर आँखें तरेंरना शुरू कर दिया है, कभी नीतीश की घुड़की ...तो कभी मुलायम की गुगली तो कभी फर्जी एन्काउन्टर हो या दंगो के केस ...से हैरान भाजपा ...बेकफुट पर आ जाती है, अब ऐसे में यह लोग मोदी महोदय को कभी गुजरात तो कभी दिल्ली के चक्कर लगवा कर बहला रहे हैं, अब आगे आगे देखिये होता है क्या ? अभी अडवानी कथा भी तो बाक़ी है !!

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