शनिवार, 2 मार्च 2013

लोकतंत्र को जनलोकपाल का स्टेरायड इंजेक्शन~~~!!

कहते हैं कि लोकतंत्र जितना पुराना होता है..उतना ही परिपक्व और मज़बूत होता जाता है.....हमारा लोकतंत्र भी परिपक्व  है...विश्व में जाना माना है....मज़बूत है.....परन्तु इस लोकतंत्र को राजनैतिक दलों ने ....नेताओं ने, दलालों ने, पूँजी पतियों ने, गद्दारों ने, पाखंडियों ने, मुनाफा खोरों ने  इन बीते वर्षों में कई व्याधियां दी हैं...वैसे तो समय समय पर लोकतंत्र की इन व्याधियों को हरने और कम करने के कई समाज सेवियों ने भरपूर प्रयास किये...कई आन्दोलन चले...मगर जैसा कि कहा जाता है कि आंदोलनों से और जन सहभागिता से लोकतंत्र का शुद्धिकरण होता है...इस बार अन्ना हजारे और उनकी टीम और बाबा रामदेव  ...मिश्र के तहरीर चौक को भारत में जिंदा करने की जिद के रूप में...अपने जनलोकपाल आन्दोलन रुपी स्टेरायड के इंजेक्शन और काले धन रुपी टानिक को लेकर मैदान में कूदे हैं...और दावा करते हैं कि उनके इस स्टेरायड इंजेक्शन की बदौलत लोकतंत्र फिर से तगड़ा और हष्ट पुष्ट हो जाएगा...मगर उनके इस इंजेक्शन के स्टेरायड के कंटेंट में कुछ ऐसे तत्व हैं...जिन पर लोकतंत्र के रखवालों को ऐतराज़ है...जैसे कि लोकपाल के दायरे में प्रधान मंत्री को लाना, सी.बी.आई.को स्वतंत्र एजेंसी बना देना....आदि आदि, अन्ना अपने इंजेक्शन के कंटेंट पर अड़े हैं...और राजनैतिक पार्टियां अपनी जिद पर...!

दूसरी बात अन्ना को यह कोई समझाने वाला नहीं है कि आप जो इंजेक्शन लगा रहे हो...वो कोई जादुई नहीं है...इससे लोकतंत्र की सारी व्याधियां दूर नहीं होने वाली...भ्रष्टाचार के अलावा भी देश में कई गंभीर मुद्दे हैं...गरीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, कुपोषण से मरते नवजातों की बढती संख्या...निरक्षरता...नक्सल समस्या...आतंकवाद, साम्प्रदायिकता...आदि इत्यादि....आपके इस एक जादुई इंजेक्शन से यह दूर होने वाली नहीं है.....और दूसरी बात यह कि जहाँ दोनों बड़े राजनैतिक दल आपके जन लोकपाल बिल रुपी स्टेरायड इंजेक्शन के कन्टेन्ट को सिरे से खारिज कर चुके हैं...तो फिर आप का यह इंजेक्शन लोकतंत्र को लग ही नहीं सकता...तो फिर आप इस को बार बार क्यों निकाल कर जनता को भ्रमित कर रहे हो...वैसे भी  दूसरी और आपकी टीम आपसे ज्यादा जनता को भ्रमित कर चुकी है... मेरे विचार से तो आप इस इंजेक्शन के कुछ कन्टेन्ट आपसी सहमती से कम कर करा कर इस को इंजेक्ट कर दें तो ठीक है...अन्यथा इसको अपने गाँव में कोई Museum   हो तो वहां रख दीजिये ! क्योंकि जब देश के दोनों बड़े राजनैतिक दल आपके इस जनलोकपाली इंजेक्शन के कन्टेन्ट पर राज़ी नहीं है...तो फिर इसका औचित्य ही क्या रहा...??

दूसरी और बाबा रामदेव भी इस लोकतंत्र को काला धन रुपी टानिक पिलाने पर उतारू हैं...वो पूरे देश में घूम घूम कर इस टानिक का प्रचार कर रहे हैं...उनका कहना है कि इस टानिक पीकर लोकतंत्र का हिमोग्लोबिन काफी बढ़ जाएगा...वो कहते हैं कि मैं काला धन वापस लाऊंगा...हर भारतीय को करोडपति बनाऊंगा....अब क्या जनता इतनी मूर्ख है कि बाबा की बातों पर विश्वास कर लेगी...? या फिर काला धन वाले इतने मूर्ख हैं कि इतना हल्ला होने पर भी अपना काला धन...विदेशी बेंको में केवल इसलिए रख छोड़ेंगे कि कब बाबा जी आयें.....और इसको भारत ले जाएँ....काला धन का टानिक केवल जनता को भ्रमित करने वाला है...! आज Globalization के दौर में....Swiss Banks के अलावा भी कई देश गुप चुप यह कार्य कर रहे हैं...कई tax heaven पैदा हो गए हैं...जहाँ काला धन खपाया जा सकता है....! यदि कभी ..काला धन जो कि लाख करोड़ में हैं...वापस भी आया तो सिर्फ करोड़ों में ही आएगा...जो की कुल जमा का 0 .1 % भी नहीं होगा....!!

कभी तो लगता है...कि इस लोकपाल के  इंजेक्शन.....और यह काले धन का टानिक से लोकतंत्र को फायदा हो न हो.....देश में इन इंजेक्शन और टानिक वालों का डिज़ाईनर प्रचार प्रसार और मार्केटिंग जम कर हो रही  है...और शायद यह चाहते भी यही हैं, ऐसा लगने लगा है कि .इस प्रचार और मार्केटिंग से उपजे उबाल को मथ कर कही यह अपना राजनैतिक निवेश तो नहीं कर रहे.....? कहीं यह इंजेक्शन और टानिक किसी राजनैतिक कंपनी के तो नहीं हैं.....? खैर...हम तो यही चाहते हैं...कि हमारे लोकतंत्र को अन्ना का यह जनलोकपाली इंजेक्शन आपसी सहमति से जल्दी लगे और बाबा जी का काले धन का टानिक भी बाबा जल्दी पिला कर हमारे लोकतंत्र का कुछ तो भला करें.....!!

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